मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ के मद्देनजर क्या करें और क्या न करें की लिस्ट बुधवार को जारी की है. टि्वटर पर एक ग्राफिक शेयर करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने लोगों से अनुरोध किया कि वो टीवी और रेडियो पर आधिकारिक दिशा निर्देशों पर ध्यान दें और अफवाहों पर ध्यान न दें या उन्हें न फैलाएं. लोग अपने घरों के बाहर रखी ढीली चीजों को बांधें और बैटरी से चलने वाले उपकरणों का नियमित तौर पर निरीक्षण करें.


अगर कोई व्यक्ति मिट्टी से बने घर या झोंपड़ी में नहीं रह रहा है तो उसे अपने घर का एक कोना चुनना चाहिए जहां आपात स्थिति में शरण ली जा सकें और इसका अभ्यास करना चाहिए कि चक्रवात के दौरान परिवार के सभी सदस्य इस स्थान का इस्तेमाल कैसे करेंगे.


चक्रवाती तूफान से कैसे बचें




  • अपने कमरे के बीच में रहे, कोनों से बचकर रहे क्योंकि मलबा अकसर कोनों में ही एकत्रित होता है

  • खिड़कियों से दूर रहें. कुछ खिड़कियों को बंद और कुछ को खुली रखें ताकि दबाव बराबर बना रहे

  • पीने का पानी एक स्वच्छ बर्तन में भंडार करके रखें

  • अगर कोई गैस लीक हो तो खिड़कियों को खुला रखें और इमारत से बाहर निकल जाएं

  • चक्रवात के दौरान कोई वाहन चलाने या उसमें सवार होने की कोशिश न करें

  • तेल और अन्य ज्वलनशील पदार्थ को फैलने न देने और फौरन उन्हें साफ करें


इस बीच बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने संबंधित अधिकारियों को समुद्र और आठ वार्डों में अन्य खतरनाक स्थानों के समीप रह रहे लोगों को अस्थायी तौर पर नगर निकाय के स्कूलों में स्थानांतरित करने के लिए कहा है. बीएमसी ने बताया कि दमकलकर्मी अलर्ट पर हैं और शहर में छह चौपाटियों में 93 गार्ड तैनात हैं. मुंबई में विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के आठ दलों और नौसेना के पांच दलों को तैनात किया गया है.


बीएमसी ने किसी आपात स्थिति में लोगों से मदद के लिए 1916 हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने की भी अपील की. शहर में सड़कों पर लगे 5,000 सीसीटीवी कैमरों की मदद से आपदा नियंत्रण कक्ष से स्थिति पर नजर रखी जा रही है. जलभराव से बचने के लिए शहर में छह पम्पिंग स्टेशनों पर 300 से अधिक पम्प लगाए गए और पर्याप्त कर्मियों को तैनात किया गया है.


जर्जर हालत वाली इमारतों का निरीक्षण किया गया और उनमें रह रहे लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है.
बीएमसी ने बताया कि पेड़ की टहनियों को काटने और तेज हवा चलने से गिरने वाले पेड़ों को हटाने के लिए नगर निकाय के 96 दलों को तैनात किया गया है.


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