चेन्नई: तमिलनाडु में 25 नवंबर को गंभीर चक्रवाती तूफान निवार (Cyclone Nivar) आने की संभावना है. इस बीच तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को हालात की समीक्षा की और जिला प्रशासनों को सतर्क रहने को कहा. मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि दक्षिण पश्चिम और निकटवर्ती दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर दबाव का क्षेत्र 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तरपश्चिमी दिशा की ओर बढ़ा और सोमवार सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर इसी क्षेत्र पर केंद्रित रहा. यह पुडुचेरी से करीब 520 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व और चेन्नई से 560 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में केंद्रित रहा.


आईएमडी ने एक बुलेटिन में बताया कि इस कम दबाव के क्षेत्र के आगामी 24 घंटे में एक चक्रवाती तूफान के रूप में बदलने की संभावना है. उसने कहा, ‘‘यह संभवत: पूर्वपश्चिमी दिशा की ओर बढ़ेगा और इसके 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में 25 नवंबर के पास कराईकल और मामल्लापुरम के बीच तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों से गुजरने का पूर्वानुमान है.’’


आईएमडी ने चेतावनी दी कि इसके कारण 24 नवंबर से 26 नवंबर के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में बारिश/गरज के साथ बौछारें पड़ने की बहुत संभावना है. इसके अलावा पुडुकोट्टई, तंजावुर, तिरुवरुर, कराइकल, नगापट्टिनम, कुड्डालोर, अरियालुर और पेरम्बलुर, कल्लाकुरीची, पुडुचेरी, विल्लुपुरम, तिरुवन्नमलाई और चेंगलपट्टू में बुधवार और बृहस्पतिवार के बीच अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका है. इसकी वजह से नगापट्टिनम में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है और मछुआरों को 26 नवंबर तक समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है.


इस बीच, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने एक समीक्षा बैठक की और अपने कैबिनेट सहयोगियों और अधिकारियों को पूरी तरह सतर्क रहने और मौसम प्रणाली के कारण हो सकने वाले नुकसान को न्यूनतम करने के लिए उचित एहतियातन कदम उठाने को कहा. राजस्व मंत्री आर बी उदयकुमार और विद्युत मंत्री पी थंगामणि ने कहा कि उनके मंत्रालय चक्रवात के कारण पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं.


राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरफ) के छह दल कुड्डालूर जिले के लिए रवाना हो गए हैं और सभी जिलाधिकारियों को भारी बारिश से निपटने के लिए एहतियातन कदम उठाने का निर्देश दिया गया है.


उदयकुमार ने कहा कि निचले इलाकों में रह रहे लोगों को तत्काल राहत शिविरों में चले जाना चाहिए और जिन इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका है, वहां लोगों को आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक रखना चाहिए.


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