Cylone Remal Live: बंगाल में रेमल का कहर, अब तक 4 की मौत; कोलकाता में तूफानी हवाओं के चलते कई फ्लाइट डायवर्ट
Cyclone Remal Updates: चक्रवाती तूफान रेमल के चलते बंगाल के कई हिस्सों में तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है. कोलकाता में एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है. यहां कई जगहों पर पेड़ भी उखड़ गए.
कोलकाता में रेमल तूफान के चलते फिर मौसम बिगड़ गया है. इसके चलते एयरपोर्ट पर फ्लाइट का संचालन रोक दिया गया है. कई फ्लाइट्स को डायवर्ट भी किया गया है. बताया जा रहा है कि तूफानी हवाओं के चलते एयरपोर्ट पर उड़ानों के संचालन में दिक्कत आ रही है.
पश्चिम बंगाल में रेमल तूफान से अब तक चार लोगों की मौत हो गई. पश्चिम बंगाल के बर्धवान में पिता पुत्र की मौत घर में गिरे पेड़ को हटाने के दौरान करंट लगने से हो गई. इससे पहले एक महिला की मौत पेड़ गिरने से और एक की मौत मकान का हिस्सा गिरने से हुई थी.
चक्रवात रेमल पर NDRF लगातार नजर बनाए हुए है. पश्चिम बंगाल में एजेंसी ने 14 रेस्क्यू टीमें तैनात की हैं. इसके अलावा कई स्थानीय एजेंसियां भी साथ में काम कर रही हैं.
बंगाल में चक्रवाती तूफान के चलते अब तक 2 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. यहां 80 साल की महिला पर पेड़ गिरने से उसकी मौत हो गई. इससे पहले तेज बारिश में घर का हिस्सा गिरने से एक की जान चली गई थी.
कोलकाता एयरपोर्ट पर ऑपरेशन शुरू हो गया है. हालांकि, कुछ उड़ानों में देरी है. वहीं, रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों का भी आना शुरू हो गया है. हालांकि, कुछ जगह जलभराव की खबरें आ रही हैं.
24 नॉर्थ परगना में भी चक्रवाती तूफान रेमल का असर दिखा. यहां के संदेशखाली में तूफानी हवाओं और बारिश के चलते कई पेड़ गिर गए. एनडीआरएफ की टीम लगातार सड़कों को साफ करने में जुटी है.
कोलकाता में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राजभवन के रैपिड एक्शन फोर्स के साथ चक्रवात 'रेमल' से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और हालात का जायजा लिया.
रेमल तूफान की दस्तक के बाद पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, नगालैंड, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश समेत कई राज्यों में अलर्ट जारी किया है. पश्चिम बंगाल में भारी बारिश और तूफानी हवाएं चल रही हैं. ऐसे में राज्य के कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. बंगाल में एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. रेमल का असर बांग्लादेश में भी देखने को मिल रहा है. यहां से 8 लाख लोगों को शिफ्ट किया गया है.
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के पसुंदरबन में चक्रवात 'रेमल' के टकराने के बाद कई पेड़ उखड़ गए.चक्रवात 'रेमल' के टकराने के बाद कल रात पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं.
पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान रेमल का सोमवार को भी असर दिखा. यहां 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. रेमल के चलते कोलकाता समेत कई जगहों पर तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश हुई. इसके चलते कच्चे घरों की छतें उड़ गईं, बिजली के खंबे टूट गए. इतना ही नहीं हवा की रफ्तार इतनी तेज थी कि पेड़ भी उखड़ गए.
चक्रवाती तूफान रेमल की लैंडिंग के बाद से ही कोलकाता में भारी बारिश जारी है. बारिश के चलते कोलकाता के कई इलाकों में जलभराव हो गया. इतना ही नहीं तूफानी हवाओं के चलते कई जगह पेड़ उखड़ गए. इसके चलते कई सड़कें जाम हो गई हैं. एनडीआरएफ समेत तमाम एजेंसियां इन्हें हटाने के काम में जुटी हैं.
पश्चिम बंगाल: कोलकाता शहर के कई हिस्सों में लगातार बारिश जारी है. चक्रवात रेमल कुछ और समय तक लगभग उत्तर की ओर और फिर उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ता रहेगा और आज सुबह तक धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगा.
भीषण चक्रवाती तूफान रेमल के आने से पहले विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों में आपदा प्रबंधन अधिकारियों और सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और जिला प्रशासनों को अग्रिम एहतियाती कदम उठाने के लिए कहा गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवात रेमल रविवार आधी रात को तट पार कर सकता है. इस कारण पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच भूस्खलन होने का अनुमान है. इस समय चक्रवात केंद्र के आसपास 110-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है. रफ्तार 135 किमी प्रति घंटे तक बढ़ सकती है. असम, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम सरकारों ने अलग-अलग सलाह जारी की है और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों को अधिकतम सतर्क रहने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि आईएमडी ने 27 और 28 मई को असम के साथ-साथ अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी है.
पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप पर भी चक्रवात रेमल का असर दिख रहा है. यहां भारी बारिश और तेज हवाओं के चलते कई पेड़ उखड़ गए. एनडीआरएफ की टीम सड़कों को साफ करने में जुट गई है.
चक्रवात रेमल ने रविवार देर रात बांग्लादेश के मोंगला के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से से होते हुए भारत के पश्चिम बंगाल तट को पार करना शुरू कर दिया. चक्रवात का असर कोलकाता, हावड़ा, हुगली और पूर्व मेदिनीपुर, सुंदरबन और काकद्वीप, दक्षिण 24 परगना जिले में हैं.इन जगहों पर रविवार रात से ही तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश जारी है. इसके सोमवार को और तेज होने की संभावना है. कोलकाता में मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वी क्षेत्र के प्रमुख सोमनाथ दत्ता ने कहा कि दक्षिण बंगाल के कई जिलों में 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जिससे कोलकाता, हावड़ा, हुगली और पूर्व मेदिनीपुर प्रभावित होंगे.
बांग्लादेश के अधिकारियों ने कहा कि माना जाता है कि तूफान से एक युवक की मौत हो गई, क्योंकि समुद्री लहरें उसे बहा ले गईं और दक्षिण-पूर्वी पटुआखाली में कई लोग घायल हो गए. पुलिस के अनुसार, क्षमता से दोगुने, 50 से अधिक यात्रियों से भरी एक नौका तूफान के रास्ते में मोंगला बंदरगाह के पास डूब गई. इसमें सवार लोग सुरक्षित स्थान की ओर भाग रहे थे. हालांकि, लोगों को बचा लिया गया जिन्हें कुछ चोट आई है.
मौसम कार्यालय के एक प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चक्रवात ने रात लगभग 8:30 बजे (स्थानीय समय) बांग्लादेश के मोंगला और खेपुपारा तट के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से से होते हुए भारत के पश्चिम बंगाल तट को पार करना शुरू कर दिया.’’
भीषण चक्रवाती तूफान 'रेमल' ने रविवार रात बांग्लादेश तट पर दस्तक दी और अधिकारियों ने देश के निचले दक्षिण-पश्चिमी तटीय इलाकों से आठ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया.
भीषण चक्रवाती तूफान 'रेमल' ने रविवार रात बांग्लादेश तट पर दस्तक दी और अधिकारियों ने देश के निचले दक्षिण-पश्चिमी तटीय इलाकों से आठ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने समीक्षा बैठक की और कहा कि बंगाल आत्मविश्वास और साहस के साथ इस संकट का सामना करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा,
“यह पहली बार नहीं है कि बंगाल इसी तरह के संकट का सामना कर रहा है. हम निश्चित रूप से आत्मविश्वास से, प्रभावी ढंग से और सक्रिय रूप से इस तूफान का सामना करेंगे. एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है."
चक्रवात रेमल को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने लोगों से घर पर रहने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि कृपया सभी लोग घरों के अंदर रहें.
एनडीआरएफ ने कहा कि भीषण चक्रवाती तूफान 'रेमल' के आज आधी रात को टकराने की आशंका के मद्देनजर, एनडीआरएफ की कुल 14 टीमों को पश्चिम बंगाल के 9 जिलों के संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है. जिसमें हुगली में 1, हावड़ा में 1, दक्षिण 24 परगना में 3, उत्तर 24 परगना में 2, पूर्व मेदिनीपुर में 2, पश्चिम मेदनीपुर में 2, कोलकाता मे 1, मुर्शिदाबाद में 1 और नादिया में 1 टीम शामिल है. इसके अलावा जरूरत के मुताबिक अल्प सूचना पर आगे बढ़ने के लिए अतिरिक्त टीमें निर्धारित की गई हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चक्रवात रेमल के भूस्खलन के मद्देनजर संबंधित अधिकारियों से बात की. उन सभी इलाकों में जहां चक्रवात का असर हो सकता है, एनडीआरएफ की पर्याप्त तैनाती की गई है. लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा है और आपदा प्रतिक्रिया एजेंसियां यह सुनिश्चित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं कि जान-माल की सुरक्षा हो. मोदी सरकार आपदाओं में न्यूनतम जनहानि के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है.
पश्चिम बंगाल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने सुंदरबन और सागर द्वीप सहित तटीय क्षेत्रों से लगभग 1.10 लाख लोगों को सुरक्षित आश्रयों के लिए निकाला है.
कोलकाता में लगभग 15,000 नागरिक कर्मचारियों को चक्रवात के बाद के परिदृश्यों से निपटने के लिए तैनात किया गया है. कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा, "हम आशंकित हैं क्योंकि इस तूफान के कोलकाता पर असर पड़ने की आशंका है. मौसम कार्यालय से ताजा जानकारी के अनुसार, तूफान के कारण 60 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है."
चक्रवात रेमल अगले दो से तीन घंटों में पश्चिम बंगाल के अंदर लैंडफाल करने वाला है. उत्तर, दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, हावड़ा, हुगी, पूर्वी मिदनापुर, नादिया और मुर्शिदाबाद जिलों में बहुत तेज हवा के साथ बहुत भारी-अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है. 26-27 मई, 2024 के दौरान पूर्वी बर्दवान, पश्चिम मिदनापुर, बीरभूम में तेज हवा के साथ भारी-बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.
चक्रवात रेमल को देखते हुए एहतियात के तौर पर तेज हवाओं की वजह से ट्रेनों को फिसलने से बचाने के लिए शालीमार रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों को जंजीरों और तालों की मदद से रेलवे ट्रैक से बांध दिया गया है.
चक्रवात रेमल को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने तटीय क्षेत्रों से लगभग 1.10 लाख लोगों को हटा लिया है. प्रभावित क्षेत्रों में सुंदरबन और सागर द्वीप शामिल हैं, जहां के निवासियों को सुरक्षित आश्रयों में पहुंचा दिया गया है. अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "निकासी प्रयासों ने तटीय क्षेत्रों से 1.10 लाख लोगों को सुरक्षित आश्रयों में स्थानांतरित करने पर ध्यान केंद्रित किया है, जिनमें से एक बड़ी संख्या दक्षिण 24 परगना जिले, विशेष रूप से सागर द्वीप, सुंदरबन और काकद्वीप से है."
चक्रवात रेमल आधी रात के करीब बंगाल और बांग्लादेश की सीमा से टकरा रहा है. इसको ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार (26 मई) को एक मीटिंग की और तैयारियों का जायदा भी लिया.
मौसम विभाग ने चक्रवात रेमल के तट के करीब पहुंचने के मद्देनजर ओडिशा के चार जिलों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. इसके प्रभाव से भद्रक, बालासोर, केंद्रपाड़ा और मयूरभंज जिलों में 7 से 11 सेमी तक भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है. आईएमडी ने कहा कि लगभग 20,000 मछली पकड़ने वाली नौकाओं को सुरक्षित रूप से ठिकाने लगा दिया गया है और चार जिलों के कलेक्टरों को स्थिति उत्पन्न होने पर ओडिशा आपदा रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएएफ) और अग्निशमन सेवाओं का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है.
पश्चिम बंगाल में गंभीर चक्रवात रेमल के मद्देनजर कोलकाता हवाई अड्डे से रविवार दोपहर से अगले 21 घंटों तक अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों तरह की कुल 394 उड़ानें संचालित नहीं होंगी. भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) के एक अधिकारी ने कहा, "उड़ान निलंबन के दौरान, कुल 394 उड़ानें - अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों अगले 21 घंटों तक संचालित नहीं होंगी."
चक्रवात रेमल से पहले हसनाबाद गांव में एनडीआरएफ की टीम तैनात हो गई है. आईएमडी के मुताबिक, चक्रवात रेमल आज आधी रात को बांग्लादेश और आसपास के पश्चिम बंगाल तटों के बीच टकराएगा.
चक्रवात रेमल की वजह से इंडिगो ने कुछ उड़ानों को पुनर्निर्धारित और रद्द कर दिया है. यात्रियों को सभी बदलावों के बारे में पहले से सूचित किया गया है और उन्हें सोशल प्लेटफॉर्म पर वास्तविक समय पर अपडेट प्रदान किया जा रहा है. चक्रवात के कारण यात्रियों को होने वाली असुविधा से बचने के लिए शमन उपाय किए गए हैं.
अधिकारियों ने कहा कि हजारों बांग्लादेशी रविवार को अपने तटीय गांवों को छोड़कर अंदर की ओर आश्रयों के लिए चले गए. लोगों को पहले से पता है कि रेमल तूफान का असर होने वाला है. बांग्लादेश के मौसम विभाग ने 130 किलोमीटर (81 मील) प्रति घंटे की रफ्तार के साथ लहरें उठने और तेज आंधी चलने की भविष्यवाणी की है.
चक्रवात 'रेमल' पर आईएमडी वैज्ञानिक सोमनाथ दत्ता ने कहा, "पिछले 6 घंटों में, चक्रवात 'रेमल' 13 किमी/घंटा की गति से उत्तरी खाड़ी की ओर बढ़ रहा है. यह खेपुपारा, बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिम में है. वर्तमान में, हवा की गति 95-105 किमी/घंटा है. यह उत्तर दिशा में आगे बढ़ेगा. आधी रात को यह सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच के क्षेत्र को पार करेगा. अधिकतम हवा की गति 110-120 किमी/घंटा होगी, जो बढ़कर 135 किमी/घंटा तक पहुंच जाएगी."
मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान रेमल आज आधी रात को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों से टकराने वाला है. इस वजह से निचले इलाकों को खाली करवा दिया गया है.
मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान रेमल आज आधी रात को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों से टकराने वाला है. इस वजह से निचले इलाकों को खाली करवा दिया गया है.
ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त सत्यब्रत साहू ने बताया कि पिछले 4-5 दिनों से हम बंगाल की खाड़ी के ग्रीष्मकालीन चक्रवात रेमल की निगरानी कर रहे हैं. हमारे पास आईएमडी से जो जानकारी है वह यह है कि यह आज आधी रात तक टकराएगा. उन्होंने बताया कि बारिश पहले ही हो चुकी है. ओडिशा के तटीय जिलों में सुबह से ही बारिश शुरू हो गई है और यह और तेज हो जाएगी. करीब 20,000 मछुआरों की नावें किनारे पर आ गई हैं. ओडिशा में डरने की कोई बात नहीं है, बारिश तो होगी, लेकिन हम इसे कम करने की कोशिश करेंगे. कलेक्टर्स का कहना है कि वे नुकसान को लेकर तैयार हैं.
चक्रवात रेमल की तैयारियों पर, पूर्वी रेलवे के सीपीआरओ, कौशिक मित्रा ने कहा, "हमने पर्याप्त एहतियाती कदम उठाए हैं और मौसम विज्ञान अधिकारियों के संपर्क में हैं. हमने तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए विभिन्न स्थानों पर अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कैंप स्थापित किए हैं. पंपिंग स्टेशन चालू हैं, अतिरिक्त वाहन तैयार हैं और एहतियात के तौर पर होर्डिंग हटा दिए गए हैं. इसके अलावा, कुछ ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं.''
चक्रवाती तूफान को लेकर जिस तरह से भारत में तैयारियां चल रही हैं, वैसी ही तैयारियां बांग्लादेश में भी हुई हैं. बांग्लादेश ने रविवार को तटीय गांवों से दसियों हजार लोगों को बाहर निकाला है. इन्हें तटों से दूर बनाए गए शेल्टर्स में शरण दी गई है. रेमल तूफान रविवार आधी रात तट से टकराने वाला है.
स्पाइसजेट ने कोलकाता के लिए और यहां से जाने वाली अपनी सभी फ्लाइट्स को कैंसिल कर दिया है. एयरलाइंस ने कहा है कि वह कैंसिलेशन की वजह से असुविधा उठाने वाले यात्रियों को रिफंड भी देगी. एक बयान में एयरलाइंस ने कहा, "चक्रवाती तूफान रेमाल की वजह से कोलकाता एयरपोर्ट से ऑपरेशन सस्पेंड है. कोलकाता एयरपोर्ट से रविवार दोपहर 12 बजे से लेकर सोमवार सुबह 9 बजे तक सभी फ्लाइट्स ऑपरेशन कैंसिल हैं. यात्रियों को बताया जाता है कि वे हमारे कस्टर केयर सेंटर या वेबसाइट से संपर्क करें, अगर उन्हें दूसरी फ्लाइट के लिए या रिफंड की सुविधा चाहिए."
चक्रवात 'रेमल' की वजह से कोलकाता एयरपोर्ट पर फ्लाइट ऑपरेशन 21 घंटे तक रुका रहने वाला है, जिससे कई यात्रियों को असुविधा हो रही है. कई यात्रियों ने फ्लाइट कैंसिल होने के संबंध में एयरलाइंस की तरफ से बरते गए कम्युनिकेशन के तरीके पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने बताया कि उन्हें ईमेल या रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर्स पर कोई मैसेज नहीं भेजा गगया. कुछ यात्रियों का कहना है कि उन्हें एयरलाइंस की तरफ से होटल में ठहरने और खाने की व्यवस्था मिलनी चाहिए.
चक्रवाती तूफान रेमल को उसका नाम ओमान ने दिया है. रेमल का अर्थ अरबी में रेत होता है. ये तूफान आज रात पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट से टकराने वाला है.
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के सुंदरबन में चक्रवाती तूफान रेमल को ध्यान में रखते हुए कंट्रोल सेंटर बनाए गए हैं. यहां से तूफान पर नजर रखी जा रही है. रेमल तूफान रविवार आधी रात को टकराने वाला है.
ब्लॉक आपदा प्रबंधन अधिकारी प्रदीप कुमार ने कहा कि हम चक्रवात 'रेमल' के लिए तैयार हैं. हम 14 ग्राम पंचायत आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष के साथ भी समन्वय कर रहे हैं और किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं. एनडीआरएफ की एक टीम पहले से ही गोसाबा क्षेत्र में तैनात है. कई और स्कूल बिल्डिंग और 10 फ्लैट सेंटर बचाव केंद्र के लिए तैयार किया गया है.
मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवाती तूफान रेमल अगले कुछ घंटों में एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा. वह 26 मई यानी आज रात बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटों से टकराने वाला है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया है कि चक्रवाती तूफान रेमल की वजह से उसके केंद्र के आस-पास 90-100 किमी प्रतिघंटा से लेकर 110 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार तक हवाएं चल रही हैं. तूफान के लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और तेज होने और आज, 26 मई 2024 की आधी रात तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में मोंगला (बांग्लादेश) के दक्षिण-पश्चिम के करीब सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच बांग्लादेश और आसपास के पश्चिम बंगाल तटों को पार करने की बहुत संभावना है. 110-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा 135 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया है कि चक्रवाती तूफान रेमल उत्तरी बंगाल की खाड़ी में है और 7 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है. सुबह 8.30 बजे वह एक ही जगह था. अभी तूफान खेपापुरा (बांग्लादेश) से 260 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, मोंगला (बांग्लादेश) से 310 किमी दक्षिण, सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) से 240 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और कैनिंग (पश्चिम बंगाल) से 280 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सिविल डिफेंस कर्मी सैयद अली खान ने कहा कि हम लोगों को सचेत कर रहे हैं. मौसम कल से ज्यादा खराब हो गया है. एनडीआरएफ की टीमें बंगाल में तैनात हैं.
पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के मंदारमणि और दीघा इलाके में मौसम बदल रहा है.आईएमडी के अनुसार, चक्रवात 'रेमल' अगले कुछ घंटों में एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा और 26 मई की आधी रात के आसपास बांग्लादेश और आसपास के पश्चिम बंगाल तटों के बीच एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में टकराने वाला है.
चक्रवाती तूफान रेमल की वजह से कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट को रविवार दोपहर से सोमवार सुबह तक के लिए बंद कर दिया गया है. यहां से फ्लाइट्स की उड़ान को सस्पेंड किया गया है, जिससे यात्री काफी परेशान हो रहे हैं. अर्नब नाम के एक यात्री ने कहा, "मेरी दादी आज यहां आईं लेकिन उन्हें बताया गया कि उनकी फ्लाइट ओवरबुक हो गई है और उन्हें कल फिर आना होगा क्योंकि चक्रवात के कारण बाकी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. यहां कई उड़ानें रद्द हो रही हैं. रद्द करने का मुख्य कारण चक्रवात और खराब मौसम है."
आईएमडी ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों में स्थानीय बाढ़ और कमजोर संरचनाओं, बिजली और संचार लाइनों, कच्ची सड़कों, फसलों और बगीचों को महत्वपूर्ण नुकसान की चेतावनी दी है. प्रभावित इलाकों में लोगों को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी गई है.
मौसम विभाग ने बताया है कि ओडिशा में बालासोर, भद्रक और केंद्रपाड़ा जैसे तटीय जिलों में 26-27 मई को भारी बारिश होने की आशंका है, जबकि 27 मई को मयूरभंज में भारी वर्षा होने के आसार हैं.
आईएमडी की तरफ से पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना जैसे तटीय जिलों में 26-27 मई के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जहां कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका है. इसके अलावा कोलकाता, हावड़ा, नादिया और पूर्बा मेदिनीपुर जिलों में 26-27 मई के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जहां 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है.
मौसम विभाग की तरफ से कहा गया है कि मछुआरे अपनी नावों को लेकर समुद्र में ना जाएं. चक्रवाती तूफान की वजह से उनकी जान को खतरा हो सकता है. मछुआरों को रविवार से लेकर सोमवार (27 मई) सुबह तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में समुद्र में न जाने की सलाह मिली है.
आईएमडी ने 26-27 मई को पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा होने की चेतावनी दी है. इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी 27-28 मई को अत्यधिक भारी वर्षा होने की आशंका है.
आईएमडी ने 26-27 मई को पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा होने की चेतावनी दी है. इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी 27-28 मई को अत्यधिक भारी वर्षा होने की आशंका है.
आईएमडी ने 26-27 मई को पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा होने की चेतावनी दी है. इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी 27-28 मई को अत्यधिक भारी वर्षा होने की आशंका है.
आईएमडी ने बताया है कि तूफान के रविवार सुबह से और तीव्र होकर भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है. इसके 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा की गति के साथ रविवार मध्यरात्रि को सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के आसपास के समुद्री तटों को पार करने की उम्मीद है. इस दौरान 135 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से भी हवा चल सकती है.
चक्रवाती तूफान रेमल को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमों को बंगाल के तटीय इलाकों में तैनात कर दिया गया है. एनडीआरएफ इंस्पेक्टर जहीर अब्बास ने कहा है कि उनकी टीम हर तरह की आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि हम चक्रवात के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. अगर चक्रवात यहां आता है तो हमारे जवान हर तरह की आपदा से निपटने के लिए तैयार हैं. हमारी टीम सुसज्जित है. टीम पेड़ गिरने या बाढ़ से बचाव आदि के लिए तैयार है. हम हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.
चक्रवाती तूफान रेमल को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमों को बंगाल के तटीय इलाकों में तैनात कर दिया गया है. एनडीआरएफ इंस्पेक्टर जहीर अब्बास ने कहा है कि उनकी टीम हर तरह की आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि हम चक्रवात के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. अगर चक्रवात यहां आता है तो हमारे जवान हर तरह की आपदा से निपटने के लिए तैयार हैं. हमारी टीम सुसज्जित है. टीम पेड़ गिरने या बाढ़ से बचाव आदि के लिए तैयार है. हम हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.
कोलकाता एयरपोर्ट को चक्रवाती तूफान रेमल को देखते हुए रविवार (26 मई) को बंद कर दिया गया है. एयरपोर्ट पर रविवार दोपहर से 21 घंटे के लिए फ्लाइट सस्पेंड करने का फैसला किया गया है. फ्लाइट सस्पेंशन के दौरान अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों क्षेत्रों में आगमन और प्रस्थान वाली कुल 394 फ्लाइट्स एयरपोर्ट से आने-जाने के लिए संचालित नहीं होंगी.
भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनी निम्न दबाव प्रणाली चक्रवाती तूफान 'रेमल' में तब्दील हो गयी है और इसके रविवार आधी रात को पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप तथा बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच समुद्र तट से टकराने की आशंका है. इस मानसून पूर्व सीजन में बंगाल की खाड़ी में यह पहला चक्रवाती तूफान है.
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Cyclone Remal Live: चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ के रविवार आधी रात को बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में पहुंचने के मद्देनजर विभिन्न क्षेत्रों से एक लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया है. मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि रेमल के पहुंचने की प्रक्रिया चार घंटे तक जारी रहेगी और इसका केंद्र रात 8.30 बजे समुद्र तट से लगभग 30 किमी था.
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, चक्रवात ने बांग्लादेश के मोंगला के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से से होते हुए भारत के पश्चिम बंगाल तट को पार करना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि यह आसपास के इलाकों में मध्यरात्रि तक पहुंचेगा. दोपहर तीन बजे तक पश्चिम बंगाल सरकार ने तटीय और आसपास के क्षेत्रों से लगभग 1.10 लाख लोगों को निकाल लिया था और उन्हें आश्रय गृहों, स्कूलों और कॉलेजों जैसे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया. अधिकारी ने बताया, ''तटीय क्षेत्रों से 1.10 लाख लोगों को सुरक्षित आश्रयों में स्थानांतरित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. इन लोगों में से एक बड़ी संख्या दक्षिण 24 परगना जिले, विशेष रूप से सागर द्वीप, सुंदरबन और काकद्वीप से है.''
राज्य के मंत्री अखिल गिरी ने कहा, ''पूर्व में चक्रवात अम्फान और चक्रवात यास से निपटने में हमारे अनुभव का अच्छा उपयोग किया जाएगा.'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ से निपटने को लेकर की गई तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने गृह मंत्रालय से स्थिति की निगरानी करने और चक्रवात के आने के बाद समीक्षा करने तथा सेवाओं की बहाली के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए कहा है.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सी.वी.आनंद बोस ने कहा कि वह स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और चक्रवात से निपटने को लेकर समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य और केंद्रीय विशेषज्ञों के साथ लगातार संपर्क में हैं. बोस ने बंगाल के तटीय क्षेत्रों में निवासियों के लिए सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया और उनसे चक्रवात के मद्देनजर मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करने की अपील की.
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