नई दिल्ली: ताउते चक्रवात के गुजरात के तटीय इलाकों से टकराने की संभावना को लेकर सेना भी अलर्ट हो गई है. सेना ने गुजरात में अपनी 180 टीमों को तैनात किया है, जिनमें खासतौर से इंजीनियरिंग टास्क फोर्स भी शामिल हैं. ये टीमें गुजरात के सौराष्ट्र और जूनागढ़ इलाकों के अलावा केंद्र-शासित प्रदेश दीव में तैनात की गई हैं.
सेना ने बयान जारी कर बताया है कि सभी सेक्टर कमांर्डर्स और डिवीजनल हेडक्वार्टर्स को तूफान से प्रभावित गुजरात के सभी जिलों के कलेक्टर और डिवीजनल-कमिशनर्स से संपर्क में रहने के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा गुजरात के सभी कोविड हॉस्पिटल्स, जिसमें अहमदाबाद का डीआरडीओ धन्वंतरी अस्पताल भी शामिल है, उन सभी में पॉवर-बैक की व्यवस्था भी कर रही हैं.
सेना के मुताबिक, अहमदाबाद में तैनात मेजर-जनरल रैंक के अधिकारी सोमवार को गुजरात के मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई वर्चुअल मीटिंग में शामिल हुए और राज्य को हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया. सेना की दक्षिणी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल जे एस नैन ने भी कहा कि चाहे प्राकृतिक-आपदा हो या फिर कोई दूसरी सिविलियन-मदद, सेना हमेशा समय से पहले तैयार रहती है और स्थानीय प्रशासन की मदद भी करती है.
इधर राजधानी दिल्ली में खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चक्रवात ताउते में सशस्त्र-सेनाओं द्वारा की जा रही मदद को लेकर एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जिसमें सीडीएस, जनरल बिपिन रावत, सेना की तीनों अंगों के प्रमुख सहित रक्षा सचिव भी शामिल हुए.
नौसेना: भारतीय नौसेना की 11 नेवल डायविंग टीम स्टैंड-बाय पर रखी गई हैं. इसके अलावा 12 फ्लड रेस्कयू टीम भी प्रभावित इलाकों में तैनात कर दी गई हैं. नौसेना के तीन युद्धपोत, आईएनएस तलवार, तरकश और तबर भी समंदर में किसी भी तरह की मदद के लिए तैयार हैं. नौसेना के मुताबिक, मुंबई के करीब बॉम्बे हाई एरिया (समंदर) में हीरा ऑयल फील्ड में 273 कर्मचारियों के फंसे होने के चलते आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकता जहाज को रेस्कयू मिशन में लगाया गया है. खराब मौसम और समंदर में तूफान के बावजूद नौसेना के ये दोनों युद्धपोत मदद करने में जुटे हैं. इसके अलावा सोमवार की सुबह को कर्नाटक के तट के करीब एक जहाज के समंदर में बह जाने के कारण उसमें से 09 क्रू-मेंबर्स को कोस्टगार्ड की मदद से सुरक्षित बचाया गया.
कोस्टगार्ड: कोस्टगार्ड के 37 समुद्री-जहाज और 72 एयरक्राफ्ट इस वक्त देश के पश्चिमी तट और उससे सटे समंदर पर नजर बनाए हुए हैं. सोमवार को गोवा के करीब एक मछुआरे के बोट से मिली एसओएस कॉल के बाद कोस्टगार्ड के आईसीजी समर्थ जहाज ने ना केवल बोट में मौजूद 15 मछुआरों को सुरक्षित बचाया, बल्कि उनकी बोट को भी तट तक ‘टो’ करके लाए.
एनडीआरएफ: ताउते चक्रवात से निपटने के लिए एनडीआरएफ की कुल 100 टीमें प्रभावित राज्यों में तैनात की गई हैं. सबसे ज्यादा 44 टीमें गुजरात में तैनात की गई हैं. क्योंकि माना जा रहा है कि चक्रवात का लैंडफॉल 18 मई को गुजरात के तट पर ही होने की संभावना है.
इसके अलावा एनडीआरएफ की 12 टीमें महाराष्ट्र में, केरल में 09 और तमिलनाडु में 08 टीमें तैनात की गई हैं. एनडीआरएफ के मुताबिक, हर टीम में 47 सदस्य हैं, जो चक्रवात, तूफान और बाढ़ जैसी परिस्थिति से निपटने के लिए जरूरी बोट्स और उपकरण से लैस हैं. गोवा में भी एक और दीव में दो टीमें तैनात की गई हैं. एनडीआरएफ के मुताबिक, 100 टीमों में से 79 टीमें इस वक्त सभी प्रभावित राज्यों के तटों पर तैनात हैं. इसके अलावा 14 टीमें रिजर्व में हैं और 22 टीमें गाजियाबाद, भटिंडा, भुवनेश्वर और विजयवाड़ा में स्टैंड-बाय पर रखी गई हैं.
एनडीआरएफ की टीमें तटीय इलाकों में लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रही हैं. इसके अलावा सड़कों पर गिरे पेड़ और पोल हटाने का काम भी कर रही है.