Cyclone Tauktae: चोट खाकर भी पानी में 19 घंटे तक तैरते रहे कर्मचारी, नहीं मानी हार, नौसेना ने ऐसे चलाया समंदर के जबड़े से जिंदगी छीनने वाला मिशन
बार्ज पी305 से जिन लोगों को बचाया जा चुका है, उन लोगों ने भारतीय नौसेना का धन्यवाद दिया है. साथ ही पी305 पर सवार लोगों का कहना है कि उन लोगों ने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि वो बच पाएंगे.
नई दिल्ली: चक्रवात ताउते के कारण काफी तबाही देखने को मिली है. कई लोगों की इस तूफान में जान चली गई है. इसके अलावा कई राज्यों को इस तूफान के कारण काफी नुकसान भी झेलना पड़ा है. वहीं इस बीच कई लोगों का रेस्क्यू भी किया गया है, जिनमें से कई लोगों ने इस खौफनाफ मंजर के बारे में बयां किया है. समंदर में डूब चुके बार्ज पी305 पर सवार 273 में से 188 लोगों को अब तक बचाया जा चुका है. इनमें से कई लोगों ने समंदर के जबड़े से जिंदगी छीनने वाले मिशन की पूरी कहानी बताई है.
बार्ज पी305 से जिन लोगों को बचाया जा चुका है, उन लोगों ने भारतीय नौसेना का धन्यवाद दिया है. साथ ही जहाज पी305 पर सवार लोगों का कहना है कि उन लोगों ने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि वो बच पाएंगे. जहाज पर सवार एक कर्मी ने बताया कि उन्होंने जहाज से छलांग लगा दी थी और करीब आठ घंटे पानी में रहा, उसके बाद नौसेना ने उनकी जान बचाई.
कई घंटों तक पानी में रहे लोग
चक्रवात ताउते के कारण समंदर में बार्ज पी305 डूब गया. बार्ज पर सवार लोगों ने अपनी जान बचान के लिए पानी में छलांग लगा दी थी. जिनमें से कई लोगों को 8 घंटे तो कई लोगों को 12-14 घंटे तो किसी को 19 घंटे तक पानी में रहना पड़ा. हालांकि गनीमत रही की उन लोगों की जान बचाई जा सकी. भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस कोच्चि को मुंबई हार्बर से 65 किलोमीटर दूर उस जगह पर पहुंचना था, जहां बार्ज पी305 के डूबने की खबर थी. आईएनएस कोच्चि के अलावा आईएनएस कोलकाता को भी इस मिशन में लगाया गया.
19 घंटे तक पानी में रहे प्रमोद
जहाज से बचाए गए मैकेनिक प्रमोद को कई चोटें लगी है. उनके सिर पर भी पट्टी बंधी है और हाथ-पैर में भी कई जगह चोटें आई हैं. डूबते हुए जहाज से शाम करीब 4 बजे प्रमोद कूद गए. 17 मई शाम 4 बजे से 18 मई की सुबह 11 बजे तक प्रमोद पानी में ही तैरते रहे. इस दौरान पानी में बहते हुए सामान से प्रमोद को कई चोटें लगी लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. प्रमोद के आस पास कई अन्य कर्मचारी तैर रहे थे. वहीं 18 मई की सुबह 11 बजे नेवी हेलिकॉप्टर ने प्रमोद को सुरक्षित निकाला.
पानी में थामे हुए था एक-दूसरे का हाथ
वहीं ओएनजीसी कर्मचारी संदीप सिंह ने कहा कि पानी काफी ज्यादा गिर रहा था. चारों तरफ से पानी आ रहा था. पानी में साथ में 10-15 लोग साथ थे. हम लोग एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए थे. लेकिन जैसे-जैसे रात होती गई, मौसम बदलता गया. उसके बाद कहीं जाकर नौसेना आई और उन्होंने मदद की. बता दें कि समंदर में काम करने के दौरान कर्मचारियों के रहने के लिए जो इंतजाम किया जाता है उसे बार्ज कहते हैं. बार्ज में कोई इंजन नहीं होता है, इसे दूसरे जहाज खींच कर ले जाते हैं.
वहीं बार्ज पी305 के कम से कम 22 कर्मचारियों के शव भी बरामद किए गए हैं. इसके अलावा अभी भी कई लोग लापता हैं. नौसेना के जरिए अभी भी रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है और लापता लोगों की तलाश की जा रही है.