चक्रवात ताउते: नौसेना और तटरक्षक बलों ने दो बजरो से 317 लोगों को बचाया लेकिन 390 अब भी लापता
नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि एक अन्य बजरा ‘गल कन्स्ट्रक्टर’ बहकर कोलाबा पॉइंट के उत्तर में 48 समुद्री मील दूर चला गया, इसमें 137 लोग सवार थे. एक आपातकालीन ‘टोही’ पोत' वाटर लिली', दो सहायक पोत और सीजीएस सम्राट को क्षेत्र में मदद तथा चालक दल के सदस्यों को बचाने के लिए भेजा गया है.
खराब मौसम से जूझते हुए, भारतीय नौसेना और तटरक्ष बलों ने मुंबई के पास अरब सागर में फंस गए दो बजरो पर मौजूद 317 लोगों को बचा लिया है लेकिन 390 और लोग अब भी लापता हैं. ये दो बजरे चक्रवात ताउते के गुजरात तट से टकराने से कुछ घंटे पहले मुंबई के पास अरब सागर में फंस गए थे. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि 707 कर्मियों को ले जा रहे तीन बजरे और एक ऑयल रिग सोमवार को समुद्र में फंस गए थे. इनमें 273 लोगों को ले जा रहा 'पी305' बजरा, 137 कर्मियों को ले जा रहा 'जीएएल कंस्ट्रक्टर' और एसएस-3 बजरा शामिल है, जिसमें 196 कर्मी मौजूद थे. साथ ही 'सागर भूषण' ऑयल रिग भी समुद्र में फंस गया था, जिसमें 101 कर्मी मौजूद थे.
अधिकारी ने कहा कि ‘जीएएल कन्स्ट्रक्टर’ में मौजूद 137 जबकि पी305 में मौजूद 273 में से 177 लोगों को बचा लिया गया है. उन्होंने कहा, 'दमन के तटरक्षक वायु स्टेशन से संचालित दो चेतक हेलीकॉप्टरों ने ‘जीएएल कन्स्ट्रक्टर’ में मौजूद कर्मियों के बचाया. एक और चेतक हेलीकॉप्टर को भी बचाव अभियान में शामिल किया गया है.' नौसेना के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘ नौसेना पोत आईएनएस ब्यास, आईएनएस बेतवा और आईएनएस तेग, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता के साथ बजरा पी-305 के लिए खोज एवं बचाव अभियान में शामिल हुए हैं जो मुंबई तट विकास क्षेत्र में मुंबई से 35 समुद्री मील दूर डूब गया है.” खोज एवं बचाव अभियान पी8आई और नौसेना हेलीकॉप्टरों के साथ भी शुरू किया गया है जो इलाके में लगातार खोज रहे हैं.
उन्होंने बताया कि सोमवार को शुरू किए खोज एवं बचाव अभियान के बाद से, 180 लोगों को अबतक बचाया जा चुका है. प्रवक्ता ने कहा कि एक अन्य अभियान में नौसेना के एक सीकिंग हेलीकॉप्टर ने 'जीएएल कंस्ट्रक्टर' के चालक के सदस्यों के लिए बचाव अभियान शुरू किया है. उसने चालक दल के 35 सदस्यों को बचा लिया है.” उन्होंने बताया कि तीन पोतों- ‘सपोर्ट स्टेशन 3’, ‘ग्रेट शिप अदिति’ और ‘ड्रिल शिप सागर भूषण’ के लिए गुजरात के अपतटीय क्षेत्र में खोज एवं बचाव के प्रयास किए जा रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि नौसेना पोत आईएनएस तलवार क्षेत्र में पहुंच गया है और खोज एवं बचाव प्रयास के समन्वयक के लिए ‘ऑन-सेंस कॉओर्डिनेटर’ का जिम्मा संभाल लिया है.
पश्चिमी नौसेना कमान ने ओएनजीसी और जहाजरानी के महानिदेशक के समन्वय में सहायता के लिए पांच टग नौकाएं (अन्य नौका या पोत को खींच कर लाने वाली नौका) भेजी हैं. नौसेना के अधिकारी ने बताया, “ ग्रेट शिफ अदिति और सपोर्ट स्टेशन 3 लंगर छोड़ने में सक्षम हैं. इस बीच, ओएसवी के समुद्र सेवक और एसवी चील सागर भूषण से कनेक्ट हो गए हैं और फिलहाल स्थिति स्थिर लगती है. समुद्र काफी अशांत है और हवा की रफ्तार 35-55 किलोमीटर प्रतिघंटे की है जिससे खोज एवं बचाव अभियान में लगे पोत एवं विमानों को खतरा है.”
नौसेना द्वारा दी गई तस्वीरों में दिख रहा है कि आईएनएस कोलकाता बजरा पी 305 से रात में दो लोगों को ले रहा है. नौसेना ने मंगलवार को कहा कि बजरा डूब गया है. टीवी पर प्रसारित दृश्यों में दिख रहा है कि एक रिग सरीखा पोत डूबता रहा है जिसपर मौजूद कर्मियों को बचाया जा रहा है. इसकी नौसेना के अधिकारियों ने पोत की पहचान की पुष्टि नहीं की.
मंगलवार को आईएनएस शिकरा को पहले आईएनएस कुंजलि कहा जाता था, जो दक्षिण मुंबई के कोलाबा स्थित नौसेना का एक हवाई स्टेशन है. तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) ने सोमवार को कहा था कि ‘पी305’ बजरा चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ की वजह से लंगर से खिसक गया था अनियंत्रित होकर समुद्र में बह गया था. यह एक ऐसा बजरा है, जिसमें लोगों को ठहराया या सामान रखा जाता है, इसलिए इसमें इंजन नहीं लगा है.
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