(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ताउते तूफान: पेट्रोलियम मंत्रालय ने जहाजों के फंसे होने की जांच के दिए आदेश, समिति का हुआ गठन
600 से ज्यादा लोगों के साथ ओएनजीसी के कई जहाज चक्रवात ताउते के दौरान अपतटीय क्षेत्रों में फंसे हुए थे. जहाज़ों के फंसे होने और बाद की घटनाओं के कारण कई लोगों की जान चली गई है.समिति एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी. मंत्रालय इसके बाद ज़रूरी करवाई के लिए आगे कदम उठाएगा. इसके बाद दोषी पाई गई कम्पनी या व्यक्ति पर करवाई करने का विकल्प होगा.
नई दिल्ली: ताउते तूफान के बाद मुंबई में बार्ज पी 305 समेत कई जहाज फंस गए थे. इन जहाजों में अलग-अलग सैकड़ों लोग फंस गए थे. बार्ज पी 305 तो डूब भी गया था. अब पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने जहाजों के फंसे होने और घटना की जांच के आदेश दिए है. इसके लिए उच्च स्तरीय समिति कि गठन किया गया है. ये कमेटी एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को देगी.
ताउते तूफान के दौरान समुंद्र में फंस गए थे सैकड़ों लोग
गौरतलब है कि 600 से ज्यादा लोगों के साथ ओएनजीसी के कई जहाज चक्रवात ताउते के दौरान अपतटीय क्षेत्रों में फंसे हुए थे. जहाज़ों के फंसे होने और बाद की घटनाओं के कारण कई लोगों की जान चली गई है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की ओर से बनाई गई समितियों में अमिताभ कुमार, नौवहन महानिदेशक, एस.सी.एल. दास, हाइड्रोकार्बन के महानिदेशक, और श्रीमती नजिल जाफ़री जी कि रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव को सदस्य नामित किया गया है. समिति सवालों के जवाब, दुर्घटना के कारण और भविष्य में ऐसी घटनायें ना हों, उसके लिए सिफ़ारिशें करेगी.
उच्च स्तरीय समिति क्या करेगी?
- घटनाओं के क्रम में पूछताछ करने के लिए इन जहाजों के फंसे और पानी में डूब जाने और बाद की घटनाओं को जोड़ेगी.
- क्या मौसम विभाग और अन्य वैधानिक प्राधिकरणों द्वारा जारी चेतावनियों पर पर्याप्त रूप से विचार किया गया और उन पर कार्रवाई की गई?
- क्या जहाजों की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP)का पर्याप्त रूप से पालन किया गया था?
- सिस्टम में खामियां और अंतराल, जो जहाजों के फंसे और डूबने का कारण बने.
- ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सिफारिशें.
जांच में दोषी पाए जाने पर होगी कार्रवाई
समिति किसी अन्य सदस्य को जोड़ सकती है और किसी भी ऐसे व्यक्ति की सहायता ले सकती है, जिसे वह आवश्यक समझे. समिति एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी. मंत्रालय इसके बाद ज़रूरी करवाई के लिए आगे कदम उठाएगा. इसके बाद दोषी पाई गई कम्पनी या व्यक्ति पर करवाई करने का विकल्प होगा.
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