ओडिशा के गोपालपुर पहुंचा 'तितली' तूफान, 150 किमी/घंटे की हवाओं बीच भारी नुकसान की आशंका
साइक्लोन तितली के खतरनाक रूप लेने के संकेत के बाद ओडिशा में रेड अलर्ट जारी है. ओडिशा सरकार ने सतर्कता बरतते हुए प्रदेश के सभी स्कूल, कॉलेजों को भी बंद कर दिया है. निचले इलाकों से लोगों को बाहर निकाल लिया गया है.
नई दिल्ली: ओडिशा के गंजम और गजपति जिलों में गुरुवार सुबह दस्तक देने के बाद बेहद प्रचंड चक्रवात तितली के कारण पेड़ और खंभे उखड़ गए तथा कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए. राहत यह है कि राज्य के किसी हिस्से में अभी किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
चक्रवात से कम से कम तीन जिलों में भारी बारिश हुई और बिजली तथा संचार की समस्या पैदा हुई. विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) बी पी सेठी ने कहा, ‘‘कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ या राज्य के किसी हिस्से से अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. गंजम और गजपति जिलों में थोड़ा नुकसान हुआ.’’मौसम विभाग (IMD) ने चक्रवात के खतरे को देखते हुए ओडिशा और आंध्र प्रदेश सरकार ऐहतियाती कदम उठाए हैं. निचले इलाके से लोगों को निकाला जा रहा है. दोनों राज्यों में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया गया है.
#WATCH: #TitliCyclone makes landfall in Gopalpur. #Odisha pic.twitter.com/x49MsPkU9U
— ANI (@ANI) October 11, 2018
सरकार की तैयारियां तितली तूफान को ध्यान में रखते हुए तैयारियां की जा रही हैं, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का कहना है कि भयंकर चक्रवाती तूफान ‘तितली’ के पहुंचने से पहले ओडिशा में करीब तीन लाख लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचाये गये हैं. टूरिस्ट्स को भी तटों पर जाने से रोका जा रहा है. समुद्र की लहरों को खतरनाक होने से रोकने के लिए गोपालपुर के तटों पर मिट्टी डाली जा रही है ताकि लहरों को रोका जा सके. पुलिस वालों की निगरानी के लिए स्पेशल ड्यूटी लगाई गई है, तूफान की वजह से गोपालपुर पोर्ट का भी काम रोक दिया गया है.
सरकार का अलर्ट तूफान के अलर्ट के बाद समंदर में मछुआरों को जाने से रोका जा रहा है, क्योंकि ऊंची-ऊंची लहरें मछुआरों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती हैं. तूफान को ध्यान में रखते हुए छोटी-बड़ी सभी तरह की बोट समंदर में ले जाने की मनाही है.
तितली तूफान का कहां-कहां दिखेगा सबसे ज्यादा असर ओडिशा के गजपति, गंजाम, पुरी, यवतसिंहपुर बालासोर जैसे जिलों में तेज बारिश का अनुमान है. खुरदा,जाझपुर, नयागढ़, ढेंकनाल जैसे जिलों में भारी बारिश हो सकती है, गजपति, गंजाम, खुरदा,पुरी जिलों में नुकसान की संभावनाएं हैं. तितली तूफान की वजह से ओडिशा के तटीय शहरों में स्कूलों को 12 तारीख तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं
1999 में भी ओडिशा झेल चुका है भीषण तूफान 1999 में भी ओडिशा भीषण तूफान की मार झेल चुका है, शायद इसीलिए इस बार ओडिशा पहले से ही तैयार है. खुद सीएम नवीन पटनायक ने अधिकारियों के साथ बैठक की और तूफान के लिए और ज्यादा सतर्क रहने के आदेश दिए क्योंकि अब तूफान की आहट मिलने लगी है.
तितली तूफान यातायात पर असर तितली तूफान का असर यातायात पर भी दिखेगा. आज भी ओडिशा के तटीय इलाकों में सड़क पर वाहन तो कम ही नजर आएं लेकिन कई ट्रेनें ऐहतियात के तौर पर कैंसिल कर दी गई है. जिसका असर उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के शहरों पर पड़ेगा. रात 10 बजे के बाद चलने वाली ट्रेनों पर सबसे ज्यादा असर रहेगा.
ट्रेनों का नया टाइमटेबल ट्रेन नंबर 12733 शालीमार-सिकंदराबाद एसी एक्सप्रेस को कैंसिल कर दिया गया है. हावड़ा-चेन्नई मेल रात के 11 बजकर 45 पर चलने के बजाय आज सुबह 8 बजे चलेगी. रात 11 बजे चलने वाली गुरुदेव एक्सप्रेस आज सुबह 8 बजे शालीमार जंक्शन से चलेगी. रात 10 बजे के बाद ओडिशा के खुर्दा और विजयनगरम के बीच कोई ट्रेन नहीं चलेगी. हावड़ा और चेन्नई की मेन लाइन पर चलने वाली ट्रेनों को डायवर्ट किया जाएगा. हावड़ा-चेन्नई एक्सप्रेस के रूट को आज बदला जाएगा . अगरतला-बेंगलुरू कैंट हफसफर एक्सप्रेस के भी रूट को डायवर्ट किया गया है. हावड़ा-यशवंतपुर एक्सप्रेस के भी रास्ते को बदला गया है.
यानि इन ट्रेनों के रास्ते कई मुख्य स्टेशन नहीं पड़ेगें, अगर आप ट्रेन से दक्षिण भारत की तरफ सफर करने वाले हैं तो इन बदलावों को ध्यान में रखिए.
परीक्षा भी टली इसके अलावा रेवले ने आज भुवनेश्वर में होने वाली भर्ती परीक्षा को भी टाल दिया है.
क्या करें साइक्लोन आने से पहले? मोबाइल फोन चार्ज कर लें मौसम विभाग के अलर्ट के लिए रेडियो, टीवी देखें जरूरी सामान, दवाइयां, टॉर्च को पास रखें जानवरों को खुला छोड़ दें
साइक्लोन के दौरान क्या न करें? बिजली के उपकरणों को चालू ना रखें. अफवाहों पर ध्यान न दें दरवाजे और खिड़कियां खुले ना रखें, असुरक्षित घर और पेड़ के नीचे ना रहें बिना गरम किए पानी न पिए