मौसम विभाग के मुताबिक साइक्लोन तितली ओडिशा के दक्षिणी तटीय इलाके में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंचने की संभावना है और उत्तरी इलाके में यह 75 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास रहेगी. चक्रवात तितली अगले 24 घंटे में भीषण रूप ले सकता है और यह 11, 12 अक्टूबर को प्रचंड रूप धारण कर लेगा और इससे कलिंगापट्टनम, गोपालपुर, कटक, पूरी, भुवनेश्वर, कोलकाता सहित तटीय इलाके में भारी नुकसान होने का खतरा है.
साइक्लोन तितली ओडिशा का केन्द्र गोपालपुर से दक्षिणपूर्व में 530 किलोमीटर और आंन्ध्र प्रदेश के पूर्वी दक्षिणपूर्व में कलिंगापट्टनम के बीच स्थित है. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने सभी तटीय जिलों को अलर्ट कर दिया है और कलेक्टरों को आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए जरूरी प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं. ओडिशा के 5 तटीय जिले में लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का काम शुरू कर दिया है और लगभग 1000 लोगों को अबतक सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है.
साइक्लोन तितली से ओडिशा के सबसे असुरक्षित तटीय जिले गंजाम, पूरी, खुर्दा, केन्दापाड़ा, जगतसिंहपुर हैं. सावधानी के लिए ओडिशा में एनडीआरएफ की टीम को तैनात कर दिया गया है. राज्य के मुख्य सचिव का कहना है कि अभी हमने आर्मी की मदद नहीं मांगी है, लेकिन जरूरत पड़ने पर हम आर्मी की भी मदद ले सकते हैं.
ओडिशा के उत्तरी इलाके में लगातार बारिश हो रही है और मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो-तीन दिन तक प्रदेश में मूसलाधार बारिश की संभावना है. राज्य में बारिश से पानी जमने या यहां तक कि बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती है. मौसम के 13 अक्टूबर के बाद सही होने का अनुमान है.
क्या करें साइक्लोन आने से पहले-
मोबाइल फोन को चार्ज कर लें
मौसम विभाग की जानकारी के लिए रेडियो, टीवी देखें
अफवाहों पर ध्यान न दें
जरूरी सामानों को अपने पास रख लें
जानवरों को खुला छोड़ दें
किसी भी भारी सामान को ढीला न छोड़ें
साइक्लोन के दौरान क्या न करें-
बिजली के सामानों को ऑफ कर दें
दरवाजे बंद रखें
असुरक्षित घर में न रहें
बिना गरम किए पानी न पिएं