ताउते के बाद अब देश में 'यास' तूफान ने दस्तक दे दी है. मौसम विभाग 'यास' तूफान की स्थिति पर नजर बनाए हुए है. मौसम विज्ञानी 'यास' को भी बेहद खतरनाक तूफान मान रहे हैं. इस चक्रवाती तूफान का असर अंडमान निकोबार द्वीप समूह, ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर होगा. इसका असर बिहार पर भी पड़ेगा. इस तूफान को देश में 2019 में आए तूफान अम्फान की तरह बताया जा रहा है. इस दौरान हवाओं की रफ्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. आइये जानते है कि आखिर 'यास' नाम का मतलब क्या है और तूफान का नाम कैसे पड़ता है.


यास का अर्थ होता है 'निराशा' 


दुनिया में शुरुआत से ही तूफानों के नामकरण का चलन चल रहा है. 'यास' एक अरेबिक शब्द है जिसका अर्थ है 'निराशा'. ओमान देश ने इस तूफान को ये नाम दिया है. दरअसल ये तूफान ओमान की तरफ से आया है. इससे बंगाल और ओडिशा में भारी बारिश की आशंका है. 


कैसे होता है तूफानों का नामकरण 


चक्रवातों के नामकरण की शुरूआत अटलांटिक क्षेत्र में 1953 में हुई एक संधि से की गई थी. जबकि हिंद महासागर क्षेत्र में यह व्यवस्था साल 2004 से शुरू हुई. किसी भी साइक्लोन के नामकरण के लिए सदस्य देश अपनी ओर से नामों की सूची देते हैं. इसके बाद उनकी अल्फाबेटिकल लिस्टिंग की जाती है. उसी क्रम में सुझाए गए नाम पर तूफानी चक्रवातों का नामकरण किया जाता है. हर बार अलग-अलग देशों का क्रम से नंबर आता है और इसी क्रम में जिस देश ने जो नाम दिया चक्रवात का नाम उसी देश के द्वारा दिए गए नाम पर पड़ जाता है.


WMO/संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत (WMO/ESCAP) पैनल ऑन ट्रॉपिकल साइक्लोन (PTC) में 13 देशों के सदस्य हैं. हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की पहल पर 8 देशों ने तूफानों का नामकरण शुरू किया. इन 8 देशों में पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान और शाईलैंड शामिल थे. बाद में साल 2018 में इसमें यूएई, ईरान, कतर और यमन आदि देश भी जुड़ गए. 


यह भी पढ़ें 


Cyclone Yaas Live: तूफान से पहले लाखों लोगों को बचाया, 5 एयरपोर्ट बंद, ट्रेनें कैंसिल


दिल्ली में लगातार दूसरे दिन युवाओं को नहीं लगी वैक्सीन, 45+ के लिए कोवैक्सीन की डोज खत्म- आतिशी