नई दिल्ली: देश ने हाल ही में दो चक्रवाती तूफानों का सामना किया है, पहला पश्चिमी हिस्से में आया ताऊते और दूसरा पूर्वी हिस्से में आया यास. चक्रवात यास ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में जमकर तबाही मचायी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चक्रवात यास से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए दोनों राज्यों के दौरे पर गए थे. तूफान के असर और तबाही की खबरों के बीच एक ऐसी खबर सामने आयी, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
दरअसल ओडिशा में दो हफ्ते पहले चक्रवाती तूफान यास के दौरान 300 से अधिक बच्चों का जन्म हुआ और कुछ परिवारों ने अपने नवजात बच्चों का नाम चक्रवाती तूफान के नाम पर 'यास' रखा है. इनमें से कई बच्चों का जन्म मंगलवार की उस रात को हुआ था, जब चक्रवाती तूफान देश के पूर्वी तट पर पहुंच रहा था, जबकि कुछ अन्य ऐसे बच्चे भी हैं, जिन्होंने उस समय दुनिया की रोशनी देखी, जब 'यास' ने बालासोर जिले से 50 किलोमीटर दक्षिण में बहानागा के पास दस्तक दी.
बालासोर के पारखी इलाके की रहने वाली सोनाली मैती ने कहा कि वह अपने लड़के के लिए 'यास' से बेहतर नाम नहीं सोच सकती थीं, जिसका जन्म चक्रवात के आगमन को चिह्नित करता है. इसी तरह, केंद्रपाड़ा जिले की सरस्वती बैरागी ने कहा कि उसने तूफान के नाम पर अपनी नवजात बच्ची का नाम रखा, इस तरह सभी को उसके आने का समय याद रहेगा. बैरागी ने कहा, 'मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि मेरी बच्ची एक ऐसे दिन दुनिया में आई, जिसे सभी लोग याद रखेंगे. मैंने उसका नाम 'यास' रखा है.'
अधिकारियों के मुताबिक इसी तरह की खबरें राज्य के अन्य हिस्सों से भी आई हैं. 'यास' को इसका नाम ओमान से मिल. कहा जाता है कि यह शब्द फारसी भाषा से उत्पन्न हुआ है, और अंग्रेजी में इसका अर्थ है 'जैस्मीन'. राज्य सरकार ने पहले कहा था कि प्रभावित स्थलों से निकाले गए लोगों की सूची में 6,500 गर्भवती महिलाएं हैं, जिन्हें निचले इलाकों और चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों से स्थानांतरित किया गया था.
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