नई दिल्ली: चक्रवात यास को लेकर आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समीक्षा बैठक की. आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय में 24 घंटे सातों दिन चलने वाला एक नियंत्रण कक्ष काम रहा है जिसमें कभी भी संपर्क किया जा सकता है.
गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि शाह ने बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात के संभावित असर को देखते हुए कोविड-19 के सभी अस्पतालों, टीका केंद्रों और अन्य जगहों पर पहले से बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था कर लेने को कहा है.
बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आज सुबह अमित शाह जी के साथ बैठक हुई. गृह मंत्रालय ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश को 600 करोड़ रुपये की अग्रिम राहत देने का आश्वासन दिया है लेकिन पश्चिम बंगाल को केवल 400 करोड़ रुपये देने की बात कही है. यह भेदभावपूर्ण है.
उन्होंने कहा, “बैठक में मैंने जानना चाहा कि जनसंख्या घनत्व और जिलों के मामले में ओडिशा और आंध्र से बड़े राज्य बंगाल को कम पैसा क्यों दिया जा रहा है? हमें लगातार वंचित क्यों रखा जा रहा है?”
उन्होंने कहा, “ओडिशा और आंध्र प्रदेश से मेरे अच्छे संबंध हैं. केंद्र उन्हें क्या दे रहा है इससे मुझे कोई समस्या नहीं. लेकिन क्या आप उत्तर प्रदेश की तुलना पुडुचेरी से कर सकते हैं? यह जनसंख्या घनत्व, इतिहास, भूगोल और सीमाओं पर निर्भर करता है.”
बनर्जी ने शाह की आलोचना करते हुए कहा, “गृह मंत्री ने मुझे बताया कि इस मसले पर बाद में चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर निर्भर करता है. मैंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया क्योंकि मुझे राजनीति विज्ञान की समझ है लेकिन इस विषय की नहीं.” ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने इससे पहले 2019 में बुलबुल और उसके बाद अम्फान चक्रवात के समय भी पश्चिम बंगाल की सहायता नहीं की थी.
उन्होंने कहा कि राज्य में 4000 शिविर बनाए गए हैं, 10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा रहा है. 51 टीम गठित की गई है. 1,000 बिजली और 400 मोबाइल नेटवर्क बहाली टीमों का गठन किया गया है. चक्रवात यास से 20 जिले बुरी तरह प्रभावित होंगे.
अमित शाह ने क्या कहा?
गृह मंत्री ने कहा कि पश्चिमी तटवर्ती क्षेत्रों पर इस संबंध में पहले से कदम उठाए जाने के कारण हालिया चक्रवात में चिकित्सा केंद्रों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ा. बयान में कहा गया कि इलाके में मछली पकड़ने वाली नौकाओं, अन्य नौकाओं, सभी बंदरगाहों और तेल प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की भी समीक्षा की गयी.
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बैठक आयोजित करने और तैयारियों में राज्य सरकार को सहयोग के लिए केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा किया. पटनायक ने कहा कि ओडिशा सरकार ने चक्रवात से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं.
बयान में कहा गया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी आश्वस्त किया कि कम से कम नुकसान हो यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं और राज्य सरकार पूरी तरह तैयार है.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने केंद्र सरकार का आभार जताया और कहा कि आवश्यक कदम उठाए गए हैं. अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल (सेवानिवृत्त) डी के जोशी ने कहा कि चक्रवात का द्वीप पर मामूली या नगण्य असर पड़ने की संभावना है.
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