रांचीः झारखंड में चक्रवाती तूफान यास के कारण पिछले दो दिनों में सात सौ गांवों और दस जिलों के कम से कम दस लाख लोग प्रभावित हुए हैं और तूफान से जहां दो लोगों की मकान गिरने की घटना में मौत हो गयी वहीं 18 अन्य लोग घायल हो गये और एक लापता है. इस बीच शुक्रवार शाम तक झारखंड में यास तूफान का प्रभाव लगभग समाप्त हो गया.


बीस हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया


झारखंड के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डा. अमिताभ कौशल ने बताया कि पिछले तीन से चार दिनों में तूफान के चलते लगभग बीस हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया लेकिन तेज बारिश के प्रभाव में पिछले दो दिनों में कम से कम डेढ़ हजार मकान ध्वस्त हो गये जिनमें से अधिकतम कच्चे मकान और झोपड़ियां थीं.


उन्होंने कहा कि शुक्रवार देर शाम तक तूफान का प्रभाव राज्य के सभी हिस्सों से समाप्त हो गया फिर भी नदियों में बहने और मकानों के मलबों में दबने से जहां दो लोगों की मौत हो गयी वहीं डेढ़ दर्जन अन्य घायल हो गये जिनमें कुछ की हालत गंभीर है. कौशल ने बताया कि तूफान के चलते राज्य में किसानों की सत्तर से अस्सी हेक्टेअर भूमि पर खड़ी फसलें खराब हो गयीं.


तूफान से प्रभावित हुई दस लाख की आबादी 


उन्होंने बताया कि तूफान से कल भी जहां रांची में मकान गिरने की घटना में दो लोगों की मौत हो गयी थी. वहीं कोडरमा में भी एक दीवार गिरने की घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गयी. उन्होंने बताया कि राज्य में अनेक स्थानों पर छोटे पुल बह गये और बिजली के खंभे और तार टूट गये जिससे अनेक क्षेत्रों में लोगों को घंटों तक अंधेरे में रहना पड़ा.


अधिकारियों के अनुसार तूफान के प्रभाव से राज्य में दस लाख की आबादी प्रभावित हुई और बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ हालांकि शुक्रवार शाम तक इसका प्रभाव लगभग समाप्त हो गया. इससे पूर्व 26 मई की रात्रि लगभग साढ़े आठ बजे यास तूफान ने झारखंड में ओडिशा के रास्ते दस्तक दी थी लेकिन इसका प्रभाव पूर्वी झारखंड में कुछ विशेष नहीं पड़ा क्योंकि झारखंड में प्रवेश से पहले ही हवाओं की गति गिरकर चालीस से पचास किलोमीटर प्रति घंटे ही रह गयी थी.


चक्रवात को लेकर राज्य प्रशासन अधिक सतर्क


कौशल ने बताया कि राज्य में यास के प्रभाव से पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, पश्चिमी सिंहभूम एवं आसपास के क्षेत्र में बुधवार रात से प्रारंभ होकर आज सुबह तक तेज हवाएं चलीं लेकिन हवाओं की गति विभाग के अधिकारियों ने अधिकतम 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की दर्ज की जिसके चलते राज्य में अधिक नुकसान होने से बच गया. मौसम विभाग ने तूफान के चलते झारखंड के कुछ इलाकों में हवा की गति नब्बे किलोमीटर प्रति घंटे तक होने का अनुमान लगाया था जिससे राज्य प्रशासन अधिक सतर्क था. 


इस बीच गोड्डा में चक्रवाती तूफान यास के कारण हो रही लगातार मूसलधार बारिश से ठाकुरगंगटी एवं मेहरमा प्रखंड में आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. सुजांकित्ता के पास एक नदी के पुल पर फंसे हुए लोगों को आठ घंटे बाद बचाया जा सका. वहीं झमारिया नदी में दो युवाओं के तेज धार में बह जाने के बाद एक को कड़ी मशक्कत के बाद बचाया गया, जबकि दूसरा देर शाम तक लापता था.


 


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