बंगाल की खाड़ी से तेज गति में ओडिशा-बंगाल की ओर बढ़ रहा Cyclone Yass, कोस्ट गार्ड IG ने बताया कितना असर डाल सकता है तूफान
चक्रवात 'यास' तेज गति से इस समय ओडिशा और बंगाल की तरफ बढ़ रहा है. चक्रवात की गति क्या है किन इलाकों में इसका अधिक प्रभाव होगा समेत तमाम सवालो का जवाब कोस्ट गार्ड आईजी, एके हरबोला ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में दिया.
चक्रवात 'यास' (Cyclone Yaas) बंगाल की खाड़ी में लगातार गति पकड़ रहा है और इस समय ओडिशा और बंगाल की तरफ बढ़ रहा है. इस चक्रवात की गति क्या है इसकी क्या खासियत है और इसकी कितनी स्पीड होगी और किन इलाको में वो कितना नुकसान पंहुचा पाएगा इसको लेकर कोस्ट गार्ड आईजी, एके हरबोला ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत कर जानकारी दी है.
एके हरबोला ने बताया, "लौ प्रेशर एरिया कल ही चक्रवात में बदल चुका है और हम भी इसको मॉनिटर कर रहे हैं. करीब 15-16 किमी प्रति घंटे की गति से यह आगे बढ़ रहा है. इसकी गति थोड़ी बदलती रहती है." उन्होंने ट्रैक को दिखाते हुए बताया कि, "हमने ट्रैक किया की वो कहा पर हिट होगा. हम चाहते हैं कि समुन्द्र में कोई भी नुकसान ना हो तो हम लोगों ने इस इलाके से शिपिंग और फिशिंग जो आज कल कोस्ट के बहुत करीब है जो पश्चिम बंगाल से लेकर ओडिशा तक है हम इन इलाको को खली करने की कोशिश कर रहे हैं."
इलाकों को खाली करवा दिया गया है
राज्य सरकार और हमरे सूत्रों ने बताया कि यह इलाका खाली करवा दिया गया है. मछुवारों की जान को खतरा था वो भी खली करवा दिया गया है. इस ट्रैक से चलते हुए जो तूफान आएगा वो बालासोर, उत्तर ओडिशा और दक्षिण बंगाल कोस्ट में हिट कार सकता है. इसके साथ ही तेज हवाएं चलेंगी और समुन्द्र में उची लहरें उठने की सम्भावना है. हमरी जानकारी के हिसाब से इन इलाकों को खाली करवा दिया गया है जो मछली पकड़ने की नावों को अंदर सुरक्षित जगह पर रखवा दिया गया है.
एके हरबोला ने कहा कि, "यह प्रत्याशित ट्रैक है और 25 की रात से दिखना शुरू हो जाएगा. जिसमें तेज हवाएं और उची लहरों के साथ ओडिशा कोस्ट पर असर दिखाना शुरू करेगा. उसके बाद 26 की शाम तक पश्चिम बंगाल तक पहुंचेगा. हमें बहुत ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. कल दिन से लेकर अगली रात तक तटि इलाको में इसका असर बहुत ज्यादा असर दिखेगा."
कई इलाके अलर्ट पर हैं- एके हरबोला
उन्होने कहा, "हम लोग राज्य सरकार के संपर्क में हैं क्योंकि एक बार जमीन पर जब चीज़े होती हैं तब ज्यादा कार्य राज्य सरकार ही करती है लेकिन हम अपनी सलाह सरकार तक पंहुचा रहे हैं. हमें पता भी चला है कि मनोरंजक गतिविधियां, समुद्र तट पर बहुत सारे लोगों की उपस्थिति, मछुआरे का स्थानांतरण यह सब जगह खाली करवा रहे हैं. मछुवारों से हमरा एक बहुत अच्छा सम्बन्ध हैं उस हिसाब से भी जो हमरे साथी हैं वो लोग लगे हुए हैं. कुछ हद तक यह इसाके खाली हो गये हैं और यह काम अभी चल रहा है."
उन्होंने बताया कि, "इसके दोनों तरफ लगभग 100 किमी तक इसका असर बहुत ज्यादा रहता है. अगर ट्रैक इस जगह हिट करता है तो 100 किमी नीचे और 100 किमी ऊपर की तरफ बहुत तेज हवाएं चलने की संभावना है. इसके अलावा कई इलाके अलर्ट पर हैं."
चक्रवात 'यास'(Cyclone Yaas) पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटवर्ती इलाको में किस तरह से असर दिखायेगा?
कोस्ट गार्ड IG, एके हरबोला ने कहा, बुधवार से जब यह चक्रवात बन रहा था तभी से मछुवारों और मरीन्स को चेतावनी देनी शुरू कार दी थी. जो हमारा मुख्य मुद्दा है वो यह है की समुद्र में संपत्ति और जान की हानि ना हो. इसके बाद से हमने लगातार अपने हवाई जहाज से अनुरक्षण करवाया है.
ओडिशा और बंगाल ने छह तट में हमने अपने जहाजों को तैनात किया है. हमने मछुवारों और पोत व्यापारी को अलर्ट किया है इस आने वाले चक्रवात के लिए. उनसे विनती की गयी है की सभी लोग जल्द से जल्द अपने हार्बर लोट जाये.
कोस्ट गार्ड IG, एके हरबोला बोले, अम्फान चक्रवात पर हमने सुनिश्चित किया था की हम समुंद्र में एक भी जान की हानि नहीं की थी. हम लोग निवारक संचालन करते हैं की जो चीज आने वाली है तो हम उससे पहले उसकी तैयारी करें. उसी तरह की तैयारी हमने अबकी बार भी की हुई है. हम राज्य और केंद्र सरकार की सभी एजेंसियो के साथ मिल कार काम कार रहे हैं.
उन्होंने हमें बहुत अच्छा सहयोग किया है. हमने लगभग दिन से 3-5 अपने जहाज को समुंद्र में उतरा हुआ है. विमान से स्कोर्टियस भी करवा रहे हैं. आज कल मछली पकड़ने पर प्रतिबंध हैं लेकिन फिर भी कुछ लोग वहां पर रहते हैं- ज्यादातर स्थानीय गैर पारंपरिक लोग जाते हैं. वो 5-10 नॉटिकल माइल तक काम करते हैं और उनका जीवन वपन ही उसी में हैं. अगर 1 मिले हो चाहे 100 मिले हमारे लिए उनके जान सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं. हमारे जहाज एकदम करीब नहीं जाते हैं तो जो लोग बहुत करीब हैं उनको अलर्ट करने के लिए हमने राज्य सरकार की सहयता ली है.
ये एक बड़ी चुनौती है पर हम लड़ने की पूरी तैयारी में हैं- एक हरबोला
कोस्ट गार्ड आईजी ने आगे कहा, सुरक्षा व्यवस्था जो है वो तो अभी है ही लेकिन हम लोगों का सबसे मुख्या लक्ष्य है जान को बचाना. उसके लिए हम सभी बंदरगाहों के सीधा संपर्क में हैं. ओडिशा, पश्चिम बंगाल, पारादीप, धमरा, हल्दीए, कोलकाता, हम लोग लगातार उन लोगों से सम्पर्क में हैं और उन्हें सलाह दे रहे हैं, उन्हें सुनिश्चित भी कर रहे हैं. जो जहाज हमारे इस इलाके से उस तरफ जा रहे हैं हम उन्हें चेतावनी भी दे रहे हैं. मैं बहुत ख़ुश हूं आपको बताते हुए कि आज पारादीप में 2 जहाज प्रोत्साहित करने का काम कर रहे हैं. पारादीप और धमरा बिल्कुल साफ है. करीब 6-7 जहाज हमारे सैंडहैंड्स पर हैं जो अभी बहुत जल्द ही हल्दीए और कोलकाता डॉक काम्प्लेक्स में चली जायगी.
उन्होंने आगे कहा, कोविड सभी के लिए एक चुनौती है लेकिन हमारे मुख्य उद्देश्य है वो समुद्र में जीवन और संपत्ति की सुरक्षा और मछुआरे की मदद करना, वो हम कार रहे हैं. कुछ दिक्कतें आती हैं उसके लिए हम लोग बहुत सावधान हैं जैसे मास्क लगाना और जो भी कोविड प्रोटोकॉल मेसेर्स हैं उसको हम मानने की कोशिश कर रहे हैं. यह एक चुनौती है लेकिन हम इससे लड़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
एके हरबोला ने कहा, ये चुनौती है लेकिन यह काम कार रहे हैं और यह काम जारी रहेगा क्योंकि कॉस्ट गार्ड का देह है वियम रक्षमा और ऐसे में रक्षा ही धर्म बना हुआ है.
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