बेंगलुरू: कोरोना वायरस की महामारी के बीच अब ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर चक्रवाती तूफ़ान ''अम्फान'' का खतरा मंडरा रहा है. मौसम विभाग के अनुसार यह तूफ़ान फिलहाल पश्चिम बंगाल के दीघा से करीब 930 किलोमीटर दूर दक्षिण - दक्षिण पश्चिम में और ओडिशा के प्रदीप से करीब 790 किलोमीटर दूर है. यह तूफ़ान 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हतिया द्वीप के बीच में टकराएगा. उस वक़्त इसके हवा की गति 200 किलोमीटर प्रति घंटे हो हो सकती है. यही कारण है कि इसे सुपर साइक्लोन कहा जा रहा है.


चक्रवात तूफ़ान को देखते हुए आंध्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. ओडिशा कि सरकार ने तटीय इलाकों में मौजूद लोगों को खाली करा कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है. उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गृह मंत्रालय और एनडीएमए के साथ तैयारियों पर चर्चा की. ओडिशा और पश्चिम बंगाल में इस दौरान तेज हवाओं के साथ साथ तटीय इलाकों में भारी से भारी बारिश होगी. इससे निपटने के लिए 37 टीमें तैनात की जा रही हैं.


ओडिशा के सात जिलों में 12 टीमें और पश्चिम बंगाल के छह जिलों में 10 टीमें तैनात की जा रही हैं. वहीं 15 टीमें स्टैंड बाई पर रहेंगी. चक्रवाती तूफ़ान अम्फान का असर आज शाम से ही देखा जाएगा. बांग्लादेश की ओर मुड़ने से पहले इसके और अधिक तीव्र होने की आशंका है. फिलहाल यह तूफान पश्चिम- मध्‍य बंगाल की खाड़ी पर है.


ओडिशा के तटीय इलाकों और पश्चिम बंगाल में भारी से भारी बारिश होगी. इसके अलावा असम, मेघालय, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के सब हिमालयन इलाके में भी इसका असर देखा जाएगा, जहां भारी से भारी बारिश होगी. वहीं तटीय इलाकों में राज्य सरकारों ने मछुआरों को समंदर में ना जाने की हिदायत दी है. क्योंकि इस दौरान समन्दर में तेज हवा और लहरों का रुख काफी उग्र होगा.


यूपी: ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा- 15 प्रतिशत से नीचे लाइन लॉस वाले गांवों को मिलेगी 24 घंटे बिजली

कर्नाटक सरकार ने लॉकडाउन के नियमों में दी ढील, अनेक पाबंदिया हटाईं