Cyclone Fengal Update: चक्रवाती तूफान फेंगल ने पुडुचेरी के निकट दस्तक देने के बाद तट को पार कर लिया है. देर रात को चक्रवाती तूफान फेंगल तमिलनाडु तट से टकराया था. इसके बाद ये टकराकर दक्षिण-पश्चिम की ओर शिफ्ट हो गया है.
मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया, " तमिलनाडु और पुडुचेरी के उत्तरी तटीय क्षेत्र में चक्रवाती तूफान 'फेंगल' [जिसे फ़ीनजल के नाम से भी जाना जाता है] पिछले 1 घंटे से लगभग स्थिर बना हुआ है और आज, 01 दिसंबर को 00:30 बजे IST पर पुडुचेरी के पास अक्षांश 12.0°N और देशांतर 79.8°E के पास उसी क्षेत्र में केंद्रित है, जो 65-75 किमी प्रति घंटे की हवा की गति से 85 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ रहा है."
चक्रवाती तूफान फेंगल से जुड़े 10 बड़े अपडेट
- मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवाती तूफान 'फेंगल' धीरे-धीरे पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और अगले 3 घंटों के दौरान धीरे-धीरे कमजोर होकर गहरे दबाव में बदल जाएगा. चेन्नई और कराईकल में डॉपलर मौसम रडार द्वारा इस सिस्टम की लगातार निगरानी की जा रही है.
- चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आज सुबह 4 बजे से उड़ानों का परिचालन फिर से शुरू हो गया. चक्रवाती तूफान फेंगल के कारण कल से ही सेवाएं निलंबित थीं.
- तूफान की वजह से भारी बारिश और तेज़ हवाओं कारण चेन्नई में विमान और रेल सेवाएं बाधित हुईं. राजधानी शहर में कई अस्पताल और घर भी पानी में डूब गए.
- तमिलनाडु में शनिवार को आने वाले शक्तिशाली चक्रवाती तूफान के मद्देनजर कई जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं तथा सैकड़ों लोगों को तूफान आश्रय स्थलों में ले जाया गया है.
- पड़ोसी केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया तथा प्रशासन ने एसएमएस अलर्ट भेजकर लोगों को चक्रवात के लिए तैयार रहने को कहा.
- हैदराबाद में भी चेन्नई और तिरुपति से आने-जाने वाली 20 उड़ानें रद्द कर दी गईं.
- भारी बारिश के कारण चेन्नई में रेल सेवाएं भी प्रभावित हुईं और दक्षिणी रेलवे ने सेवाओं में बदलाव की घोषणा की.
- चेन्नई में मरीना और मामल्लापुरम सहित प्रसिद्ध समुद्र तटों पर जाने पर बैन लगा दिया गया है.
- चेन्नई में एटीएम से नकदी निकालने की कोशिश कर रहे एक प्रवासी श्रमिक की कथित तौर पर बिजली गिरने से मौत हो गई.
- पूर्वानुमान में मछली पकड़ने वाले दलों से पानी से दूर रहने का आग्रह किया गया था तथा एक मीटर (तीन फीट) ऊंची लहरें उठने की भविष्यवाणी की गई थी, जिससे निचले तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा पैदा हो सकता था.