Cyrus Mistry की एक अनदेखी जिंदगी पर पड़ी भारी! क्या आप जानते हैं बैक सीट बेल्ट क्यों है इतनी जरूरी
Rear Seat Belt: साइरस मिस्त्री की मौत के बाद रियर सीट बेल्ट को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. इस आर्टिकल में हम आपको कार की रियर सीट बेल्ट की अहमियत बताएंगे.
Wear Rear Seat Belt: टाटा समूह (Tata Group) के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री के निधन (Cyrus Mistry Death) से हर किसी को गहरा सदमा लगा. सिर्फ 54 साल की उम्र में साइरस मिस्त्री इस दुनिया को अलविदा कह गए. साइरस मिस्त्री की मौत की वजह बनी कार दुर्घटना (Car Accident). यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि पुलिस जांच में ये सामने आया है कि साइरस मिस्त्री कार की पिछली सीट पर थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं पहनी हुई थी. ऐसे में ये समझना बेहद जरूरी हो जाता है कि कार की रियर सीट बेल्ट क्यों महत्वपूर्ण है और इससे न पहनने से कितना खतरा हो सकता है.
एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, लोकल सर्कल्स (Local Circles) के एक सर्वेक्षण में सामने आया कि कार में पीछे बैठे लगभग 70 प्रतिशत लोग सीट बेल्ट का उपयोग बिल्कुल नहीं करते हैं. उनमें से कुछ यह जानते हुए भी कि रियर बेल्ट मौजूद है और प्रभावी रूप से चोटों के साथ-साथ मृत्यु दर को भी कम कर सकती है, लेकिन फिर भी लोग रियर सीट बेल्ट नहीं पहनते.
रियर सीट बेल्ट क्यों जरूरी?
सर्वे से एक और बात निकलकर आई. इन दोनों हादसों में सामने बैठे लोगों को टक्कर के बावजूद तुलनात्मक रूप से कम चोटें आईं, क्योंकि उन्होंने अपनी सीट बेल्ट पहन रखी थी. विशेषज्ञों के अनुसार, सीट बेल्ट वास्तव में उस गुरुत्वाकर्षण या गति को नकारती है जिस पर यात्री उच्च प्रभाव वाली टक्कर के समय कार की दो सीटों के बीच टक्कर खा सकता है. इसके अलावा एयरबैग्स समय पर काम करते हैं, ताकि टक्कर के प्रभाव को खत्म किया जा सके. यही कारण है आगे बैठे लोग कम चोटिल होते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस साल की शुरुआत में जारी एक रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया था कि पिछली सीट पर सेफ्टी बेल्ट पहनने से मरने और घायल होने का खतरा क्रमशः 25% और 75% तक कम हो सकता है. आपतो बता दें कि ज्यादातर लोग कार खरीदते समय यह सुनिश्चित करते हैं कि व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण मौजूद हैं, लेकिन वाहन चलाते समय शायद ही कभी इस बात का ध्यान रखते हैं कि वे और सह-यात्री इसका ठीक से उपयोग कर रहे हैं.
सर्वे की अहम बातें
लोकल सर्कल्स के एक सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है कि किसी वाहन की पिछली सीट पर सवार 10 में से 7 यात्री कभी भी सुरक्षा बेल्ट नहीं पहनते हैं. 10,500 लोगों में से 26 प्रतिशत लोगों ने बताया कि वे हमेशा वाहन की पिछली सीट पर सीट बेल्ट पहनते हैं, जबकि 4% लोगों ने कहा कि वे कभी भी पिछली सीट पर यात्रा नहीं करते हैं.
सर्वेक्षण को भारत के 274 जिलों में स्थित नागरिकों से 10,598 प्रतिक्रियाएं मिलीं. 61% पुरुष थे जबकि 39% महिलाएं थीं. 47% टियर 1 से थे, 39% टियर 2 से थे और 14% टियर 3, 4 और ग्रामीण जिलों से थे.
विशेषज्ञों ने क्या कहा?
ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों का कहना है कि दुर्घटना की स्थिति में पीछे की सीट और आगे की सीट के टकराने की संभावना अधिक होती है. इसी के साथ, कई परिस्थितियों में बिना बेल्ट वाले पीछे के यात्री आगे की सीट से दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, दुर्घटना की गंभीरता के आधार पर, पीछे के यात्री विंडस्क्रीन से बाहर उड़ सकते हैं या डैशबोर्ड या स्टीयरिंग व्हील से टकरा सकते हैं.
'कारों में पीछे बैठने वाले सोचते हैं सीट बेल्ट की जरूरत नहीं'
सर्वेक्षण में 70% नागरिकों ने स्वीकार किया कि वे कभी सीट बेल्ट नहीं पहनते हैं. यह तो स्पष्ट है कि अधिकांश भारतीय पीछे की सीट बेल्ट को कार में बेकार तामझाम के रूप में सोचते हैं. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. गडकरी ने कहा कि सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए आम आदमी की मानसिकता को बदलने की जरूरत है. मंत्री ने कहा, "लोग सोचते हैं कि पीछे बैठने वालों को बेल्ट की जरूरत नहीं है. यह समस्या है. मैं किसी भी दुर्घटना पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन आगे और पीछे बैठने वालों दोनों को सीट बेल्ट पहनने की जरूरत है."