पुणे: सीबीआई ने गुरुवार को अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता नरेन्द्र दाभोलकर केस में बड़ा खुलासा किया है. जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि दाभोलकर की हत्या आतंक पैदा करने के लिेए की गई थी.


सीबीआई ने कहा कि इसी कारण उसने दाभोलकर हत्या मामले में आरोपियों के खिलाफ आतंक फैलाने के आरोप दर्ज किये थे. जांच एजेंसी ने इस अपराध को समाज और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच ‘आतंक’ पैदा करने वाला माना था.


सीबीआई ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) की धाराओं 15 (आतंकी कृत्य) और 16 (आतंकी कृत्य के लिए सजा) लगाने की मांग करते हुए अदालत से दो आरोपियों सचिन एंडुरे और शरद कालस्कर के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के लिए 90 दिन का समय मांगा.


मामले में एंडुरे और शरद कालस्कर समेत गिरफ्तार छह में से पांच आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर करने के लिए प्रारंभिक 90 दिन की अवधि 18 नवंबर को समाप्त हो रही है. सीबीआई ने 2016 में छठे आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.


एंडुरे और शरद कालस्कर पुणे में 20 अगस्त 2013 को जाने माने अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता दाभोलकर की हत्या करने वाले शूटरों में कथित तौर पर शामिल थे.


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