Dahi Label Row: तमिलनाडु में दही पर बवाल, सीएम एमके स्टालिन के हमले के बाद अब FSSAI ने जारी किया बयान
Dahi Label Row: एफएसएसएआई के एक दिशानिर्देश के बाद तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर दही के नाम को लेकर हिंदी थोपने का आरोप लगाया था.
Tamil Nadu Dahi Label Row: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की ओर से दही का नाम बदलने का निर्देश दिए जाने के बाद तमिलनाडु में हिंदी थोपने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. FSSAI के निर्देश के अनुसार, 'कर्ड' (Curd) या 'तायिर' (तमिल) को अब 'दही' (हिंदी) के रूप में लेबल किया जाएगा यानी दही (Curd) के पैकेट पर 'दही' लिखा जाएगा. इस निर्देश के बाद तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन (MK Stalin) ने केंद्र पर दही के पैकेट पर 'दही' लिखकर हिंदी थोपने का आरोप लगाया.
पहले FSSAI ने निर्देश दिया था कि 'दही' के सभी पैकेटों का नाम तमिलनाडु और कर्नाटक दोनों में 'दही' होना चाहिए, जहां इसे 'तायिर' या 'मोसरू' कहा जाता है. इस निर्देश पर दक्षिण के राज्य की ओर से आपत्ति जताई गई. तमिलनाडु के दुग्ध उत्पादन संघ आविन ने कहा कि वह अपने पैकेट पर हिंदी शब्द 'दही' के बजाय तमिल शब्द 'तायिर' का ही इस्तेमाल करेगा.
FSSAI ने नए दिशानिर्देश किए जारी
विवाद खड़ा होने के बाद एफएसएसएआई ने गुरुवार (30 मार्च) को दही शब्द के उपयोग को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए. अब एफएसएसएआई ने एक अधिसूचना जारी कर दही के पैकेट पर क्षेत्रीय नामों के उपयोग की अनुमति दी है. अधिसूचना में कहा गया कि दही को इन नए उदाहरणों के अनुसार भी लेबल किया जा सकता है जैसे कि "कर्ड (दही)" या "कर्ड (मोसरू)" या "कर्ड (ज़ामुत दाउद)" या "कर्ड (तायिर)" या "कर्ड (पेरुगु)."
March 30, PRESS RELEASE@MoHFW_INDIA pic.twitter.com/iWjwUbzCt3
— FSSAI (@fssaiindia) March 30, 2023
एम के स्टालिन ने हिंदी थोपने का लगाया आरोप
एम के स्टालिन ने बुधवार (29 मार्च) को कहा था कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को देश के दक्षिणी हिस्सों से ''निर्वासित'' किया जाएगा. स्टालिन ने अपने आधिकारिक टि्वटर हैंडल पर भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को लेकर प्रकाशित एक खबर शेयर की जिसमें जिसमें कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) को पैकेट पर दही को प्रमुखता से 'दही' मुद्रित करने का निर्देश दिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए स्टालिन ने कहा कि हिंदी थोपने की बेशर्म जिद दही के एक पैकेट पर भी हिंदी में लेबल लगाने के लिए निर्देशित करने की हद तक आ गई है, हमारे अपने राज्यों में तमिल और कन्नड़ को हटा दिया गया है. हमारी मातृभाषाओं की इस तरह की अवहेलना यह सुनिश्चित करेगी कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दक्षिण भारत से हमेशा के लिए निर्वासित कर दिया जाए.
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