मुंबई: आज से छह दिन बाद कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा. जन्माष्टमी पर मुंबई में दही हांडी का त्योहार मनाया जाता है और इस बार गोविंदा बिना किसी रोकटोक के दही हांडी फोड़ सकेंगे. बॉम्बे हाईकोर्ट ने दही हांडी के पिरामिड की ऊंचाई पर रोक हटा दी है. साथ ही कोर्ट ने गोविंदा की उम्र 14 साल करने के राज्य सरकार के अनुरोध को भी मान लिया है.


पिरामिड की ऊंचाई पर किसी तरह की रोक नहीं 


मुंबई में हर साल दही हांडी का उत्सव जोर शोर से मनाया जाता है. हर साल होने वाले दही हांडी मुकाबलों में ऊंची से ऊंची दही हांडियां तोड़ने की होड़ लगती हैं. लाखों रुपयों के पुरस्कार भी जीतने वाली टीम के लिए रखे जाते हैं. ऐसे में अक्सर हादसे भी हो जाते हैं, इसी क्रम में चली लंबी अदालती कार्यवाही के बाद हाईकोर्ट ने अपना अंतिम फैसला सुना दिया है.


14 साल तक के बच्चे तोड़ सकेंगे दही हांडी 


बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि पिरामिड की ऊंचाई तय करना कोर्ट का काम नहीं है. ये राज्य सरकार का विषय है. गोविंदा की उम्र को लेकर भी कोर्ट ने राज्य सरकार के हलफनामे को ही मानते हुए गोविंदा की उम्र 14 साल मान ली है. यानी अब 14 साल से कम उम्र का कोई भी बच्चा दही हांडी तोड़ने में हिस्सा नहीं ले पाएगा. हालांकि तीन साल पहले गोविंदा की उम्र को हाईकोर्ट ने 18 साल करने का आदेश दिया था.


हर साल होते हैं हादसे


मुंबई में दही हांडी उत्सव के दौरान बनने वाले ऊंचे पिरामिडों से हर साल हादसे होते हैं. दही हांडी के दौरान 2015 में 1 गोविंदा की मौत हुई, जबकि 129 घायल हो गए थे. वहीं साल 2014 में एक गोविंदा की मौत हुई, जबकि 202 लोग घायल हुए और साल 2013 में दो गोविंदा की मौत हुई, जबकि 365 घायल हुए थे.


हादसों को रोकने के लिए साल 2014 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने दही हांडी की ऊंचाई 20 फ़ीट से ज़्यादा न रखने का आदेश दिया था. साथ ही, दही हांडी तोड़ने के लिए बनने वाले मानव पिरामिड में 18 साल से कम के लोगों को भाग लेने से भी रोक दिया था.


सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा इंतजामों पर मांगा था जवाब 


इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे 18 गोविंदा मंडलों का कहना था कि वो सुरक्षा पर कोर्ट का आदेश मानने को तैयार हैं. लेकिन ऊंचाई सीमित कर देने से उत्सव का आनंद खत्म हो गया है. इसलिए, कोर्ट हांडी की ऊंचाई बढ़ाने की इजाज़त दे. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए 10 जुलाई को राज्य सरकार से दही हांडी पर होने वाले सुरक्षा इंतजामों पर जवाब मांगा था.


इसी महीने की पहली तारीख को महाराष्ट्र सरकार ने दही हांडी के दौरान होने वाली सुरक्षा को पर्याप्त बताया. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को दोबारा हाई कोर्ट भेज दिया था.