यूपी कैडर (UP Cadre) के आईएएस अधिकारी (IAS Officer) और झांसी के डीएम रविंद्र कुमार (Jhansi DM Ravindra Kumar) ने जल संरक्षण (Water Conservation) के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक किताब “माउंट एवरेस्ट : एक्सपीरियंस द जर्नी” (Mount Everest: Experience the Journey) लिखी है. इस किताब का विमोचन तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने किया.
“माउंट एवरेस्ट : एक्सपीरियंस द जर्नी” रविन्द्र कुमार की हिमालय यात्रा पर आधारित है. रविंद्र कुमार जल संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी. इससे पहले दलाई लामा ने इस किताब की प्रस्तावना लिख कर शुभकामनाएं दी थीं. रविन्द्र कुमार नेपाल (माउंट एवरेस्ट के दक्षिण की ओर) और तिब्बत ( माउंट एवरेस्ट के उत्तर की ओर) इन दो अलग-अलग मार्गों से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले चंद भारतीयों में से एक हैं.
एवरेस्ट पर भारत सरकार के किन कार्यक्रमों को ले जाने के उत्तरदायी हैं रविंद्र कुमार?
लेखक रविंद्र कुमार दुनिया के सर्वोच्च शिखर यानी माउंट एवरेस्ट पर भारत सरकार की दो महत्वपूर्ण योजनाएं स्वच्छ भारत अभियान और नमामि गंगे एवरेस्ट की चोटी पर ले जाने के उत्तरदायी अधिकारी हैं. उन्होंने इन दो प्रमुख कार्यक्रमों को एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचाया. ऐसा करके इन कार्यक्रमों के बारे में उन्होंने जन जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की. उन्होंने गंगा जल को एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचाया. उसको वहां पर अर्पित करते हुए देश और दुनिया के लोगों से जल बचाने की अपील की ताकि आने वाली पीढ़ियों को पेयजल की कमी नहीं हो.
लेखक रविंद्र कुमार ने इस पुस्तक की बिक्री से होने वाली अपनी रॉयल्टी भी छोड़ दी है जिससे पाठकों को कम कीमत में यह किताब मिल जाए. रविंद्र कुमार की किताब को सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विनीत सरन, भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार, गायक उदित नारायण, सुपर 30 वाले आनंद कुमार और कई अन्य लोगों से भी सराहना मिली है. पुस्तक का प्रकाशन ब्लूम्सबरी इंडिया, नई दिल्ली ने किया है. इसमें एवरेस्ट अभियान पर बनी एक शार्ट फिल्म के लिए बार कोड स्कैनर भी डाले गए हैं, जिसे कोई मोबाइल से स्कैन करके देख सकता है.
क्या कहती है किताब ?
यह फोटोग्राफिक यात्रा वृत्तांत आपको लेखक रविंद्र कुमार द्वारा किए गए सिक्किम, नेपाल, लद्दाख और तिब्बत में हिमालय के कई आकर्षक स्थानों की यात्रा पर ले जाता है. इसके अलावा, यह समृद्ध जैव विविधता और रास्ते में विद्यमान सांस्कृतिक जीवंतता के साथ सुरम्य पहाड़ों और आश्चर्यजनक परिदृश्यों की झलक प्रदान करता है. मनोरम छवियों, सटीक मार्ग मानचित्रों और कहानी की तरह स्पष्ट विवरण के माध्यम से चित्रित, यह पुस्तक आपको अलौकिक सुंदरता के स्थानों तक पहुंचाती है.
एक पर्वतारोही के रूप में रविंद्र कुमार ने लगभग एक दशक के दौरान माउंट एवरेस्ट को दो बार फतह किया. ये किताब इस तरह के जोखिम भरे साहसिक कार्य को करने हेतु की गई योजना पर भी विस्तृत प्रकाश डालती है. यह किताब पर्वतारोहण करने जा रहे लोगों को चढ़ाई की कल्पना करने, कठिनाइयों की थाह लेने और मानसिक रूप से खुद को चढ़ाई के लिए तैयार करने का मार्गदर्शन देती है.
आईएएस रविंद्र कुमार को मिले हैं कौन से पुरस्कार
आपको बता दें कि पर्वतारोहण अत्यधिक शारीरिक फिटनेस की मांग करता है और दुर्भाग्य से हर साल कई लोग चढ़ाई के दौरान जान गवां बैठते हैं. इसके अलावा इसमें दिये गए हिमालय के सुखदायक और शांत पूर्ण दृश्य दिमाग को शांत करने का आसान विकल्प प्रदान करते हैं.
रविन्द्र कुमार ने ‘मेनी एवरेस्ट: एन इंस्पायरिंग जर्नी ऑफ ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इनटू रियलिटी’ (Many Everest: An Inspiring Journey of Transforming Dreams into Reality) नामक पुस्तक लिखी है जो सिविल सेवा (Civil Services) और अन्य प्रतियोगी परीक्षा (Competitive Exam) के उम्मीदवारों के साथ-साथ नवोदित पर्वतारोहियों के लिए बहुत लाभप्रद सिद्ध हुई है. बाद में, उन्होंने इसे हिंदी में ‘एवरेस्टः सपनों की उड़ान: सिफर से शिखर तक’ नाम से प्रकाशित किया, जिसे 2020 में ‘अमृत लाल नगर पुरस्कार’ और 2021 में ‘सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था.