Dalai Lama On China: चीन का भारत के साथ कई सालों से सीमा विवाद चल रहा है. इसी बीच अब तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने चीन को आईना दिखाने का काम किया है. दलाई लामा ने चीन और भारत की तुलना करते हुए कहा कि दोनों ही देशों में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन भारत में लोकतंत्र और धार्मिक आजादी है, जो उसे चीन से अलग बनाती है. इस दौरान उन्होंने दुनिया के हर इंसान पर परमाणु हथियारों के खतरे की भी बात कही. 


हरियाणा के गुरुग्राम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दलाई लामा ने कहा, चीन और भारत 2 सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं. चीन में हाल के दशक में बहुत सारे उतार चढ़ाव आए हैं, लेकिन भारत में लोकतंत्र और धार्मिक स्वतंत्रता है. भारत की परंपरा है कि सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है, जो बहुत अच्छी बात है.


दलाई लामा ने हिंसा को लेकर आगे कहा, इंसानों में आपसी मतभेद पैदा करने का कोई मतलब नहीं है. हम सभी को बिना किसी हिंसा के एक साथ मिलकर रहना चाहिए. अगर कोई मतभेद हैं तो उन्हें ये सोचकर सुलझाना चाहिए कि सभी हमारे भाई-बहन की तरह हैं. हम अपने दिमाग में एक ऐसी दुनिया तैयार करें जो बिना हथियारों की हो. 


हथियार बनाने में इस्तेमाल हो रहा इंसानी दिमाग
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए दलाई लामा ने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि दुनिया में आक्रामकता, अत्याचार और हिंसा का काफी बोलबाला है. कई लोग इसके चलते मारे गए, सभी परमाणु हथियार तैयार करने के लिए काफी उत्सुक दिखाई देते हैं. पिछली कुछ शताब्दियों में हमने काफी हिंसा देखी है. इंसानी दिमाग का इस्तेमाल हथियार तैयार करने, कैसे लोगों को मारा जाए और कैसे अपने पड़ोसी मुल्क को तबाह किया जाए... इसके लिए हो रहा है. ये बिल्कुल गलत है. 


दलाई लामा ने चीन जाने को लेकर दिया था जवाब
बता दें कि चीन लगातार भारत को ये धमकी देता रहा है कि उसने दलाई लामा को संरक्षण दिया है, चीन का कहना है कि भारत दलाई लामा को उसे सौंप दे. हालांकि भारत हमेशा से दलाई लामा और उनके समर्थकों के हितों के लिए काम करता रहा है. हाल ही में दलाई लामा ने भी इसे लेकर बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत छोड़कर चीन जाने की तो सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने कहा कि भारत ही उनका स्थायी निवास है और चीन के मुकाबले भारत को वो ज्यादा पसंद करते हैं. 


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