Jantar Mantar Protest: देश की जानी मानी यूनिवर्सिटी जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रोफेसरों पर आरोप है कि इन लोगों ने बाल्मीकि समाज के एक शख्स का जबरन धर्म परिवर्तन का दवाब बनाया और जाति सूचक गालियां भी दीं. इसको लेकर बाल्मीकि समाज जंतर मंतर पर रविवार (04 अगस्त) को विरोध प्रदर्शन करने जा रहा है.


बाल्मीकि चौधरी सरपंच कमेटी दिल्ली ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. जिसमें कहा गया कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया में सहायक पद पर राम निवास सिंह काम करते हैं. जिनका संबध अनुसूचित जाति के बाल्मीकि समाज से है. जहां रामनिवास पर पिछले 2 सालों से आत्याचार किया जा रहा है. रामनिवास को जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में राम निवास पर धर्म परिवर्तन का भी दबाव बनाया गया. जब उन्होंने इसे इंकार कर दिया तो उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी दी. ऐसे में ये संगठन तीनों प्रोफेसरों को यूनिवर्सिटी से हटाए जाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन करेगा.


दलित कर्मचारी पर धर्म परिवर्तन का डाल रहे थे दबाव


दरअसल, यूनिवर्सिटी के प्राकृतिक विज्ञान विभाग में सहायक के रूप में कार्यरत एक दलित कर्मचारी ने विश्वविद्यालय के कई उच्च पदस्थ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. शिकायतकर्ता राम निवास सिंह ने रजिस्ट्रार प्रोफेसर नाजिम हुसैन अल-जाफरी, डिप्टी रजिस्ट्रार एम. नसीम हैदर और प्रोफेसर शाहिद तसलीम पर धर्म परिवर्तन के लिए अनुचित दबाव डालने, जाति-आधारित गालियां देने और अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है.


दलित कर्मचारी की शिकायत पर पुलिस ने दर्ज की FIR


शिकायतकर्ता राम निवास सिंह ने 15 जुलाई 2024 को दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जामिया नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी. पुलिस ने राम निवास सिंह की शिकायत के आधार पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के तीन प्रोफेसरों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(पी) और 3(1)(क्यू) के तहत एफआईआर दर्ज की है. 


इस एफआईआर में जो आरोपी हैं उनमें रजिस्ट्रार नाजिम हुसैन अल-जाफरी, डिप्टी रजिस्ट्रार नसीम हैदर और प्रोफेसर शाहिद तसलीम के नाम शामिल हैं. इस मामले में विश्वविद्यालय में बतौर असिस्टेंट कार्यरत राम निवास सिंह (एससी वर्ग) ने तीनों पर जाति-आधारित गाली-गलौच, अमानवीय व्यवहार करने और उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करने, दुर्व्यवहार समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं.


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