SC/ST एक्ट: एमपी के 3 जिलों के कई इलाकों में कर्फ्यू, राजस्थान में दलित MLA का घर जलाया
राजस्थान के करौली के जिला कलेक्टर ने कहा कि 5,000 लोगों की उग्र भीड़ ने वर्तमान बीजेपी विधायक और कांग्रेस के पूर्व विधायक के घर में आग लगा दी.
नई दिल्ली: एससी/एसटी कानून में हुए बदलाव पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बीच दलित आंदोलन और उसमें हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 11 हो गई है. वहीं दो अप्रैल को हुए दलित आंदोलन के विरोध में भीड़ ने राजस्थान के कैराली जिले के हिंडौन शहर में एक विधायक और एक पूर्व विधायक के घरों को आग के हवाले कर दिया. हिंसा के बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
हिंसा के लिए आई थी 5 हजार की भीड़
5 हजार लोगों की उग्र भीड़ दलितों के भारत बंद के दौरान कथित लूटमार और तोड़फोड़ करने वालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क पर उतरी. इसी दौरान भीड़ ने दलित नेताओं के घरों में आग लगा दी. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बंद के दौरान सोमवार और मंगलवार को हुई हिंसक घटनाओं में शामिल करीब एक हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. असामाजिक तत्वों के खिलाफ 175 मामले दर्ज किये गये हैं.
राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश में कल दलित प्रदर्शनकारियों की तरफ से किये गये नुकसान के बाद राज्य के कुछ हिस्सों में अन्य जाति के लोग प्रदर्शन कर रहें है. अलवर में एक व्यक्ति की मौत के बाद लोग विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठ गये.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एन आर के रेड्डी ने बताया कि कल दलितों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं के बाद हिंडौन सिटी में व्यापार मंडल और अन्य जाति के लोगों ने अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में जूलुस निकाला. उन्होंने कहा कि भीड़ को काबू में करने के लिये पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठीचार्ज और रबड़ की गोलियां चलायीं.
करौली जिला कलेक्टर अभिमन्यु कुमार ने बताया, ''लगभग 5 हजार लोगों की उग्र भीड़ ने वर्तमान बीजेपी विधायक राजकुमारी जाटव और कांग्रेस के पूर्व विधायक भरोसी लाल जाटव के घर में आग लगा दी. कस्बे में अन्य स्थानों पर आगजनी और पत्थरबाजी की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिये कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया गया.''
मध्य प्रदेश में हुई सबसे अधिक मौतें
2 अप्रैल को हुए दलित आंदोलन के बाद 10 राज्यों में बुधवार को जन-जीवन सामान्य रहा. हिंसा में सबसे अधिक आठ मौतें मध्य प्रदेश में हुई. इनमें छह दलित और दो उच्च जाति के हैं. वहीं पूरे देश में 11 लोगों की मौत हुई है. मध्य प्रदेश के भिंड में 4, ग्वालियर में तीन और मुरैना में एक लोगों की मौत हुई. उत्तर प्रदेश में 2 और राजस्थान में एक मौत हुई.
आज भी कर्फ्यू
मध्य प्रदेश के के ग्वालियर, भिंड और मुरैना में आज भी कई इलाकों में कर्फ्यू जारी है. इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किये हैं गये हैं. तीनों जिलों में स्कूल कॉलेज बंद हैं, इंटरनेट सेवा रोक दी गई है. मुरैना में हिंसा भड़काने के आरोप में कम से कम 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
एससी/एसटी वर्ग के लोगों का आरोप है कि एससी/एसटी कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मजबूती से दलील नहीं रखी. जिससे की कानून कमजोर पड़ा. उनकी मांग है कि सरकार अध्यादेश लाकर फैसला बदले. इसी के विरोध में 2 मार्च को भारत बंद रहा. देश के कई हिस्सों में हिंसा की वारदातें सामने आई. कई इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात बने.