नई दिल्ली: भारत बंद के दौरान हिंसक प्रदर्शनों के एक दिन बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि हताश और खारिज किए गए राजनीतिक दलों के एक छोटे वर्ग  ने जनता को परेशान किया है और उन्हें दलित बहनों और भाइयों से माफी मांगनी चाहिए. अमित शाह ने ट्वीट कर दलित समुदाय तक अपना संदेश पहुंचाने का प्रयास किया और कांग्रेस पर दलित विचारक भीमराव अंबेडकर के साथ अनुचित रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया.





बीजेपी अध्यक्ष ने कुछ निहित स्वार्थ वाले संगठनों पर दलितों के आरक्षण के विषय पर हंगामा खड़ा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हर चुनाव से पहले ऐसा किया जाता है. सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगी. गौरतलब है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण कानून के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का विरोध में देश के कई इलाकों में भारत बंद के दौरान हिंसा की घटनाएं सामने आईं.


अमित शाह ने कहा कि एससी-एसटी अत्याचार कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही केंद्र सरकार ने तत्परता और सोच-समझ के साथ काम किया और दलितों के अधिकारों के संरक्षण के लिए एक प्रभावी पुनर्विचार याचिका दाखिल की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुसूचित जाति के सांसदों से मिलकर उन्हें भरोसा दिलाया था कि सरकार हमारे दलित बहनों और भाइयों की भलाई और अधिकारों के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.


बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) संशोधन विधेयक, 2015 के माध्यम से एनडीए सरकार ने वास्तव में कानून के प्रावधानों को मजबूत बनाया था. यह दलित वर्गों के कल्याण की बीजेपी की प्रतिबद्धता के अनुरूप था. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हताश और ठुकराये गये राजनीतिक दलों के एक छोटे से वर्ग के राजनीति से प्रेरित प्रदर्शनों की वजह से करोड़ों बेगुनाह लोग परेशान हुए. इन पार्टियों को अपने कुकृत्यों के लिए हमारे दलित बहनों और भाइयों से माफी मांगनी चाहिए.’’


शाह ने कहा, ‘‘भाजपा का रुख साफ है जिसे मैं एक बार फिर से दोहरा रहा हूं. हम बाबासाहब द्वारा दिये गये संविधान पर और इसमें एससी-एसटी समुदायों को दिये गये अधिकारों पर पूरा भरोसा रखते हैं. भाजपा हर समय और हरसंभव तरीकों से दलित समुदाय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है.’’


‘डीएनए’ संबंधी कांग्रेस की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि अंबेडकर के सपनों को पूरा करने की मोदी सरकार की अडिग प्रतिबद्धताएं हैं और उसके सारे प्रयासों का उद्देश्य दलितों के जीवन में बदलाव लाना है. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में दो बार अंबेडकर को हरवाया और इसके पीछे हल्के बहाने पेश किये कि संसद के केंद्रीय कक्ष में उनका चित्र नहीं लग पाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अंबेडकर को भारत रत्न नहीं मिलने दिया.








कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा था कि बीजेपी और संघ का डीएनए दलित विरोधी है. शाह ने कहा, ‘‘हम अपने दलित बहनों और भाइयों को नये भारत का निर्माता बनाने के लिए प्रयास करते रहेंगे. हम उनकी आकांक्षाओं और सपनों को पूरा करेंगे. जय भीम. जय हिंद.’’