महाराष्ट्र में संग्राम: गृहमंत्री ने सीएम से फोन पर की बात, फडणवीस का दावा- स्थिति नियंत्रण में
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों ने अपील की है कि वह शांति बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें.
पुणे: महाराष्ट्र में 200 साल पुराने एक युद्ध को लेकर संग्राम हो रहा है. 1 जनवरी 1818 को पुणे में राज करने वाले ब्राह्मण शासक पेशवाओं को अंग्रेजों ने दलितों के साथ मिलकर हराया. इस लड़ाई में बाजीराव पेशवा द्वितीय की हार हुई थी. इसी जीत पर दलितों ने शौर्य दिवस मनाया तो हिंदुत्ववादी संगठनों ने विरोध किया. भीमा कोरेगांव में दलित इस जीत को शौर्य दिवस की तरह मनाते आ रहे हैं. कल इसी कार्यक्रम के लिए जा रहे दलितों की कुछ हिन्दुत्ववादी संगठनों के साथ झड़प हुई, जिसमें एक युवक की मौत हो गई, जिसके बाद वहां जबरदस्त हिंसा हुई. पुणे, मुंबई और औरंगाबाद समेत कई शहरों में दलितों और हिन्दुत्ववादी संगठनों के लोग आमने-सामने हैं.
बता दें कि दलितों और स्थानीय ग्रामीणों के बीच कल जमकर संघर्ष हुआ. दोनों तरफ से पत्थरबाजी हुई. जिसमें राहुल नाम के एक युवक की जान चली गई. गुस्साई भीड़ ने बसों, कारों और मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया, 40 से ज्यादा वाहन जला दिए गए और एटीएम और सरकारी संस्थानों में जमकर तोड़फोड़ की.
दलित संगठनों का आरोप है कि कल कोरेगावं भीमा जा रही भीड़ को भगवा झंडा लिए लोगों की भीड़ ने निशाना बनाया, जिसमें एक युवक की मौत हुई. पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है. आज महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हत्याकांड की सीआईडी जांच के आदेश दे दिए हैं.
दिन भर का अपडेट- केंद्रीय मंत्री रामविला पासवान ने ट्वीट किया, ''पुणे के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसक झड़प निंदनीय है. इस मामले की निष्पक्ष रूप से जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि सामाजिक सदभाव क़ायम रहे.''
- गृहमंत्री राजनाथ सिहं ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से फोन पर बात कर राज्य के हालात की जानकारी ली. सीएम ने स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिरिक्त सुरक्षाबलों की अभी ज़रूरत नहीं.
- मुंबई और नवी मुंबई में स्कूल बस एसोसिएशन ने बसें नहीं चलाने का ऐलान किया है. हालांकि अभी तक स्कूल बंद करने का सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है. अगर स्कूल खुलते हैं तो बच्चों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. स्कूल बस एसोसिएशन का कहना है कि उनकी एक बस आज जलाई गई है.
- पुणे हिंसा पर मायावती का बयान- हिंसा रोकी जा सकती, सरकार ने सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए. ये एक षडयंत्र के तहत हुआ, इसके पीछे बीजेपी और आरएसएस हैं. इन्होंने जानबूझ कर ये घटना कराई है, हमारी पार्टी इसकी निंदा करती है.
- मुंबई में ईस्टर्न एक्सप्रेस वे पर अभी भी जाम लगा है. जहां प्रदर्शन हो रहा है वहां से ट्रैफिक डाइवर्ट किया गया है. घाटकोपर रमाबाईनगर में हाईवे पर प्रदर्शन हो रहा है. आगे पीछे 400 मीटर तक जाम लगा है. यहां पीछे का ट्रैफिक डायवर्ट करके निकाला जा रहा है.
- पुणे हिंसा में दो हिंदू संगठनों शिव प्रतिष्ठान और समस्त हिंदू मोर्चा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इसके साथ ही मिलिंद एकबोटे, संभाजी भिड़े के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.
- मुंबई के कई इलाकों में तनाव के हालात हैं. कुर्ला इलाके में एलबीएस इलाके पर जाम लगा हुआ है. हार्बर लाइन पर लोकल सेवा बाधित है लेकिन सेंट्रल और वेस्टर्न लाइन पर लोकल चल रही है. वहीं मुंबई गोवा हाईवे पर भी हालात सामान्य हैं. वहीं घाटकोपर, चेंबूर के कामराज नगर, ईस्टर्न एक्सप्रेस वे और तिलक नगर में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
- वहीं मुंबई गोवा हाईवे पर भी हालात सामान्य हैं. वहीं घाटकोपर, चेंबूर के कामराज नगर, ईस्टर्न एक्सप्रेस वे और तिलक नगर में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
- राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''बीजेपी और आरएसएस के फासीवादी दृष्टिकोण का केंद्रीय स्तंभ है कि भारतीय समाज में दलित हमेशा नीचे रहने चाहिए. उना, रोहित वेमुला और अब भीमा-कोरेगांव प्रतिरोध के शक्तिशाली प्रतीक हैं.''
- महाराष्ट्र में हिंसा को लेकर राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस की सोच दलित विरोधी है.
- ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे खोल दिया गया है लेकिन ठाणे से मुंबई आने वाले रास्ते पर भारी जाम है. मुंबई पुणे हाईवे को बंद कर दिया गया है.
- मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे बंद नहीं है, ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर भीषण जाम की वजह से जाना मुश्किल है.
- हिंसा की आशंका के चलते मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे बंद करे दिया है. सरकार हिंसा की आशका के चलते किसी भी तरह का रिस्क नहीं उठाना चाहती है. कल हुई हिंसा में पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा था.
- हिंसा के विरोध में आठ दलित संगठनों ने महाराष्ट्र बंद का एलान किया है.
- एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस पूरे मामले पर प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है.
- हिंसा का असर मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन सेवा पर भी हुआ है. चेंबूर के पास हार्बर लाईन रोकी गई है.
- हिंसा की आग मुंबई तक पहुंच गयी है. घाटकोपर में मुंबई में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर जाम लगाया है. ठाणे में लोगों भी ने प्रदर्शन किया. अहमदनगर, अकोला, धुले, परभणी, शिरडी, औरंगाबाद में बसों पर पथराव किया गया.
सीएम ने की शांति की अपील
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने लोगों से अपील की है कि वह शांति बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें. सीएम फड़णवीस ने बताया है कोरेगांव हिंसा की न्यायिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी जाएगी. साथ ही युवाओं की मौत के मामले में सीआईडी जांच होगी. राज्य सरकार ने मृतकों के परिवार को 10 लाख का मुआवजा देने का एलान किया है.
Request will be made to SC for judicial inquiry in Koregaon violence matter and CID inquiry will also be conducted on the death of the youth. 10 lakh compensation for victim's kin: Maharashtra CM Devendra Fadnavis pic.twitter.com/UdtDuYcQwN
— ANI (@ANI) January 2, 2018
इलाके में धारा 144 लागू, प्रशासन सतर्क रविवार को दलित और लेफ्ट संगठन के लोगों ने शनिवार वाड़ा में लोगों को संबोधित किया था. शनिवार वाड़ा पेशवाई गद्दी थी. यहां उन्होंने जातिवाद के मुद्दे पर लोगों को संबोधित किया. इसके बाद से ही स्थिति बिगड़ गई थी. पुलिस ने रविवार को ही मामला संभालने की कोशिश करते हुए इलाके में धारा 144 लगा दी थी. सोमवार को भीमा कोरेगांव शौर्य स्थल की तरफ जाते वक्त भगवा झंडे लिए लोगों के दल ने गाड़ियों पर हमला बोल दिया. पुणे से करीब 30 किलोमीटर दूर पुणे-अहमदनगर हाइवे में पेरने फाटा के पास विवाद हुआ.
क्या है पूरा विवाद, क्यों जल रहा है महाराष्ट्र? 200 साल पहले 1 जनवरी 1818 को पुणे के पास पेशवाओं को अंग्रेजों ने दलितों के साथ मिलकर हराया था. इस युद्ध में बाजीराव पेशवा द्वितीय की हार हुई थी. महार बटालियन के सैनिक इस युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की तरफ से लड़े थे.
यह युद्ध पुणे-अहमदनगर के बीच कोरगांव-भीमा नाम की जगह पर हुआ था. अंग्रेजों ने जीत पर इस गांव में विजय स्तंभ बनाया गया, 1927 में डॉ. आंबेडकर भी विजय स्तंभ पर गए. इसी युद्ध के चलते दलित हर साल कोरेगांव भीमा में एक जनवरी को शौर्य दिवस मनाते हैं.