डालमिया भारत लिमिटेड की 'गोद' में लाल किला, कांग्रेस ने पूछा- अगला टारगेट संसद और SC तो नहीं
मोदी सरकार की 'एडॉप्ट ए हेरिटेज' योजना के तहत केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और डालमिया ग्रुप के बीच 25 करोड़ रुपये में पिछले दिनों करार हुआ. इसके तहत अब यह कंपनी अगले पांच साल तक लाल किला का संचालन और रखरखाव करेगी.
नई दिल्ली: ऐतिहासिक धरोहर लाल किला को डालमिया भारत लिमिटेड ने गोद लिया है. मोदी सरकार की 'एडॉप्ट ए हेरिटेज' योजना के तहत केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और डालमिया ग्रुप के बीच 25 करोड़ रुपये में पिछले दिनों करार हुआ. इसके तहत अब यह कंपनी अगले पांच साल तक विरासत स्थल का संचालन और रखरखाव करेगी. डालमिया ग्रुप ने ये कॉन्ट्रैक्ट इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर ग्रुप को हराकर जीता.
लालकिला का रखरखाव प्राइवेट कंपनी को सौंपे जाने पर कांग्रेस ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है. कांग्रेस ने पूछा कि अब बीजेपी की सरकार संसद, सुप्रीम कोर्ट में से किसे प्राइवेट कंपनी के हवाले करेगी?
पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) केजे अल्फोंस, मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये. इस मौके पर डालमिया भारत के कार्यकारी निदेशक संदीप कुमार ने कहा, ''हम भारत के इस धरोहर को गोद लेकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं.''
रखरखाव की जिम्मेवारी डालमिया के पास डालमिया ग्रुप लाल किला को टूरिस्ट के बीच और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए काम करेगा. साथ की उसके सौंदर्यीकरण, रखरखाव की जिम्मेदारी उसकी होगी. समझौते के तहत ग्रुप को छह महीने के भीतर लाल किला में जरूरी सुविधाएं मुहैया करानी होगी. इसमें एप बेस्ड गाइड, डिजिटल स्क्रिनिंग, फ्री वाईफाई, डिजिटल इंटरैक्टिव कियोस्क, पानी की सुविधा, टेक्टाइल मैप, टॉयलेट अपग्रेडेशन, रास्तों पर लाइटिंग, बैटरी से चलने वाले व्हीकल, चार्जिंग स्टेशन, सर्विलांस सिस्टम, कैफेटेरिया आदि शामिल है.
पर्यटन मंत्रालय ने 'अपनी धरोहर अपनी पहचान' (एडॉप्ट ए हेरिटेज) योजना विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर 27 सितंबर 2017 को लांच की थी. यह योजना भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के प्रमुख स्मारकों में शुरू की गई है, जिसके तहत 95 स्मारकों को शामिल किया जा चुका है. 'अपनी धरोहर अपनी पहचान' योजना के तहत विभिन्न धरोहरों को गोद लेने के लिए 195 आवेदन मिल चुके हैं. जिसे सरकार प्राइवेट कंपनियों को सौंप सकती है. यह योजना एएसआइ के प्रमुख स्मारकों में शुरू की गई है, जिसके तहत 95 स्मारकों को शामिल किया जा चुका है.
निजी कंपनी को लाल किला दिये जाने पर विपक्ष हमलावर है. कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक सर्वे के तहत पूछा है कि अब बीजेपी की सरकार किस प्रतिष्ठित स्थल को प्राइवेट कंपनी के हवाले करेगी. जिसमें संसद, लोक कल्याण मार्ग (प्रधानमंत्री आवास) और सुप्रीम कोर्ट का जिक्र है.
वहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, ''मोदी सरकार द्वारा इसे लाल किले का निजीकरण करना कहोगे, गिरवी रखना कहोगे या बेचना. अब प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस का भाषण भी निजी कंपनी के स्वामित्व या नियंत्रण वाले मंच से होगा. ठोको ताली. जयकारा भारत माता का!''