नक्सली से लेकर तेलंगाना की मंत्री तक का सफर...सीताक्का की दिलचस्प है कहानी, पति और भाई को एनकाउंटर में खोया
Danasari Anasuya Seethakka Story: साल 1980 और 1990 के शुरुआती दशक में सीताक्का जंगल में रहती थीं. साल 1994 में उन्होंने पुलिस के सामने आत्मसर्पण किया और फिर अपनी पढ़ाई जारी रखी.
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D Anasuya Seethakka Story: तेलंगाना में रेवंत रेड्डी ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है. उनके अलावा 11 मंत्रियों ने भी शपथ ली, इनमें विधायक डी. अनसूया सीताक्का भी हैं. सीताक्का ने नकस्ली से लेकर वकील, विधायक और अब तेलंगाना की मंत्री बनने का सफर पूरा किया है. सीताक्का ने मुलुग सीट पर जीत दर्ज की. राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन की मौजूदगी में शपथ लेने से पहले एलबी स्टेडियम में मंच पर उनका जोरदार स्वागत किया गया.
आसान नहीं है मंत्री तक का सफर
तेलंगाना की मंत्री बनी डी. अनसूया सीताक्का की जीवन आसान नहीं रहा है. कोया जनजाति से आने वाली अनसूया सीताक्का कम उम्र में ही माओवादी आंदोलन में शामिल हो गई थी. वह उसी आदिवासी क्षेत्र में एक सक्रिय सशस्त्र गुट का नेतृत्व करने लगीं. कई बार उनकी पुलिस के साथ मुठभेड़ भी हुई. सीताक्का ने एक मुठभेड़ में ही अपने पति और भाई को खो दिया. साल 1980 और 1990 की शुरुआत में बंदूकधारी माओवादी विद्रोही के रूप में सीताक्का जंगल में रहकर काम करती थीं.
लॉ की डिग्री ली और कोर्ट में प्रक्टिस कीं
इसके बाद माओवादी आंदोलन से अलग होकर सीताक्का ने साल 1994 में एक माफी योजना के तहत पुलिस के सामने आत्मसर्पण कर दिया. जिसके बाद उनके जीवन ने नया मोड़ ले लिया. इतना कुछ होने के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और लॉ की डिग्री हासिल की. इसके बाद सीताक्का वारंगल के एक कोर्ट में प्रैक्टिस भी कीं.
2004 में लड़ा पहला चुनाव
बाद में सीताक्का तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) में शामिल हो गईं. साल 2004 में उन्होंने मुलुग सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं. पांच साल बाद 2009 के विधानसभा चुनाव में सीताक्का ने मुलुग सीट पर जीत दर्ज कीं और विधायक बनी. 2014 के विधानसभा चुनाव में वह तीसरे नंबर पर रहीं.
2017 में कांग्रेस में शामिल हुई
सीताक्का साल 2017 में कांग्रेस में शामिल हुईं और 2018 के विधानसभा चुनाव में बीआरएस की आंधी के बावजूद जीत दर्ज कीं. कोविड-19 महामारी के दौरान उनके निर्वाचन क्षेत्र के अलावा दूर-दूर तक उनके काम को सराहा गया था.
2022 में पूरी की पीएचडी
सीताक्का ने पिछले साल 2022 में उस्मानिया विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में पीएचडी पूरी की. उस समय उन्होंने एक्स पर कहा था, बचपन में मैंने कभी सोचा नहीं था कि नक्सली बनूंगी. जब मैं नक्सली थी तो कभी नहीं सोचा था कि वकील बनूंगी, जब वकील हुई तो कभी नहीं सोचा था कि मैं विधायक बनूंगी. जब विधायक बन गई तो कभी नहीं सोचा था कि पीएचडी कर पाऊंगी.
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