Darbhanga Blast Case: चलती ट्रेन को द बर्निंग ट्रेन बनाने की साजिश करने और दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए बम धमाके के मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र (Chargesheet) पटना की विशेष अदालत के सामने पेश किया है. सभी आरोपी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़े हुए हैं और इन आरोपियों में से एक पाकिस्तान में बैठा हुआ है. चार आरोपी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कैराना जिले के रहने वाले हैं.


एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है उनमें मोहम्मद नासिर खान, इमरान मलिक, सलीम अहमद, कफील और मोहम्मद इकबाल उर्फ हाफिज इकबाल उर्फ काना का नाम शामिल है. इनमें से इकबाल काना पाकिस्तान में है और वह उत्तर प्रदेश के शामली जिले का रहने वाला बताया गया है.


17 जून 2021 को किए गए थे बम धमाके 


एनआईए के मुताबिक, यह मामला 17 जून 2021 को बिहार के दरभंगा स्टेशन पर एक गाड़ी में हुए बम धमाके से संबंधित है. इस मामले में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की कोशिश थी कि चलती हुई गाड़ी को द बर्निंग ट्रेन बना दिया जाए. इस साजिश का ताना-बाना जहां लश्कर के कमांडर ने बनाया था, वहीं पर्दे पर इकबाल काना को आगे किया गया था, जिसने अपने पड़ोसी जिले के चार लोगों को इस काम के लिए तैयार किया था.


कपड़ों के पार्सल के बीच रखा गया था विस्फोटक


इन लोगों की साजिश थी कि किसी लंबी दूरी वाली गाड़ी में विस्फोटक लगा आईईडी बनाकर एक पार्सल कर दिया जाए, जिससे जब वह पार्सल बम फटे तो पूरी गाड़ी आग की लपटों में घिर जाए. इकबाल काना के कहने पर बाकी के 4 आरोपियों ने स्थानीय मार्केट से विस्फोटक केमिकल आदि सामान खरीदकर एक आईडी बनाई और फिर उस विस्फोटक को दरभंगा एक्सप्रेस में कपड़ों के एक पार्सल के बीच में रख दिया गया. यह पार्सल सिकंदराबाद से रखा गया था. इन लोगों का अनुमान था कि चलते हुए रास्ते में जब यह बम फटेगा तो ज्यादा से ज्यादा जान माल का नुकसान होगा.


पाकिस्तान भी गया था आरोपी नासिर 


एनआईए को जांच के दौरान यह भी पता चला कि आरोपियों में से एक नासिर खान पाकिस्तान भी गया था और वहां उसने जासूसी करने और हथियारों को चलाने के साथ-साथ आईडी बनाने की ट्रेनिंग भी ली थी. नासिर खान को अनेक बार पाकिस्तान से पैसे भी आए थे. गाड़ी में बम धमाका होने के बाद लश्कर कमांडरों की साजिश थी कि आरोपियों को नेपाल के रास्ते देश से बाहर भगा दिया जाए, लेकिन एनआईए के चौकस अधिकारियों ने उन्हें देश छोड़ने से पहले ही दबोच लिया. उनसे पूछताछ के दौरान सारी साजिश का पता चल गया. अब एनआईए ने इस मामले में अपना आरोप पत्र कोर्ट के सामने पेश कर दिया है. मामले की जांच जारी है.