दार्जिलिंग: बंगाल का ताज कहा जाने वाला दार्जिलिंग सुलग रहा है. देश मे बड़े टूरिस्ट प्लेस के तौर पर अपनी अलग पहचान रखने वाले दार्जिलिंग में इन दिनों पर्यटन का बुरा हाल है. सड़को पर सन्नाटा, होटल, रेस्तरां में खामोशी और ट्रेन के थमे पहिये इस बात के गवाह हैं कि किस तरह दार्जिलिंग अपने बुरे दौर से गुज़र रहा है. दार्जिलिंग के एक होटल के मालिक ताशी के सभी कर्मचारी खाली हैं. ताशी के मुताबिक आंदोलन की वजह से टूरिज्म पर बहुत बुरा असर पड़ा है. कई साल बाद मई के महीने में इस साल अच्छा काम हुआ था लेकिन जून फिर से खराब हो गया. इस सब के बाद ताशी कहते हैं कि वो नुकसान झेल लेंगे लेकिन गोरखालैंड को समर्थन करते रहेंगे.
दार्जिलिंग की मशहूर रोपवे का है बुरा हाल
दार्जिलिंग की मशहूर रोपवे का भी बुरा हाल है. पांच किलोमीटर की इस राइड पर DRV यानि दार्जिलिंग रंगीत वेली के खूबसूरत नज़ारे पर्यटकों को दिखाए जाता है. गोरखा आंदोलन की वजह से रोपवे बंद हो गए हैं. इस रोपवे के गार्ड पूरन सुब्बा ने बताया कि सीज़न में 600 पर्यटक दिन में आ जाते हैं जिससे 90 हज़ार रुपए तक कि कमाई रोज़ होती है. इस रोपवे को निजी कंपनी चलाती है. फिलहाल सड़को पर सन्नाटा है.
जनमुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता की मौत के बाद सिंगमडी में भड़की हिंसा
सिंगमडी में सड़क के बीचोबीच पुलिस वैन, बस और एक कार जला दी गई है. ये हिंसा शनिवार को भड़की जब पुलिस की गोली से जनमुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता की मौत हो गयी. इस इलाके की तमाम दुकाने बंद हैं. सिवाए केमिस्ट शॉप के. इस इलाके में दुकान चलाने वाले महेंद्र ने बताया कि हिंसा पुलिस की फायरिंग के बाद भड़की. महेंद्र कहते हैं कि नुकसान हो रहा है लेकिन इस बार गोरखालैंड लेकर ही रहेंगे.
पर्यटन हो रहा है बुरी तरह प्रभावित
कुछ दिन पहले तक जो घोड़े सैलानियों को दार्जिलिंग के माल रोड, जालपरा भानु भवन के इलाकों में घुमाते थे. अब अस्तबल में कैद हैं. इनके मालिक 100 रुपए से 400 रुपए तक की फीस लेते थे. लेकिन अब यहां सिर्फ घोड़े नज़र आ रहे हैं मालिक नदारद हैं क्योंकि काम ही नही है.
कब बुझेगी दार्जिलिंग की आग ?
सवाल ये है कि दार्जिलिंग की इस आग के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या राज्य सरकार इस समस्या को सुलझाना नही चाहती. सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि दार्जिलिंग में हुए हिंसक आंदोलन के बीच पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी नीदरलैंड चली गईं. दार्जिलिंग की आग कब बुझेगी.
आंदोलन को मजबूत करने की रूप रेखा तैयार
दार्जिलिंग के ताजा हालात ये हैं कि कल हुई जिमखाना क्लब में सर्वदलीय बैठक में बंद जारी रखने का फैसला लिया गया है. साथ ही GTA को रद्द करने का प्रस्ताव पास किया गया और PM, राष्ट्रपति से मिलने योजना बनाकर आंदोलन को मजबूत करने की रूप रेखा तैयार की गई. इस बैठक में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (GNLF), भारतीय गोरखा परिसंघ, BJP समेत 14 पर्वतीय संगठनों ने हिस्सा लिया.