प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में आतंकवाद और उसके खिलाफ किए जा रहे उपायों पर बात की. उन्होंने कहा कि अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए आतंकवादी डार्कनेट, मेटावर्स, क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसका देशों पर सामाजिक रूप से प्रभाव पड़ सकता है. इन गतिविधियों पर लगाम लगाने में साइबरस्पेस ने अहम भूमिका निभाई है. पीटीआई की ओर से रविवार (3 सितंबर) को जारी इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अवैध वित्तीय गतिविधियों और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साइबरस्पेस ने नया आयाम पेश किया है.


पीएम मोदी ने साइबर अपराधों के खिलाफ वैश्विक सहयोग की जरूरत पर भी जोर दिया. फर्जी खबरों के कारण न्यूज स्त्रोतों की विश्वसनीयता और समाज पर क्या असर पड़ रहा है, इस बात पर भी प्रधानमंत्री ने बात की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि फर्जी और झूठी खबरों के कारण न्यूज स्त्रोतों की विश्वसनीयता कम होती है और ऐसी खबरें समाज में अशांति फैलाने के लिए फ्यूल का काम करती हैं.


कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में जी-20 बैठकों पर क्या बोले पीएम मोदी
एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 समिट से लेकर रूस-यूक्रेन यूद्ध, भ्रष्टाचार, जातिवाद, सांप्रदायिकता और 2047 तक भारत को विकसित देशों के लिस्ट में शामिल करने पर भी बात की. जी-20 समिट के कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में बैठकें कराए जाने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान और चीन की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि देश के सभी हिस्सों में जी-20 बैठकें होना सामान्य बात है.


बातचीत से ही निकलेगा रूस-यूक्रेन युद्ध का हल: पीएम मोदी
वहीं, पीएम मोदी ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन-रूस युद्ध का बातचीत के जरिए ही हल निकाला जा सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में संघर्षों और तनाव को हल करने का एकमात्र तरीका बातचीत और कूटनीति है.


9 और 10 सितंबर को दिल्ली में जी-20 सम्मेलन में कौन-कौन होगा शामिल
9 और 10 सितंबर को दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन होगा, जिसमें शामिल होने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ समेत कई देशों के नेता दिल्ली पहुंच रहे हैं. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस भी सम्मेलन में शिरकत कर सकते हैं. हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी कोई सूचना नहीं दी गई है. इनके अलावा, साउथ अफ्रीका, तुर्किये, इटली, जर्मनी, इंडोनेशिया, ब्राजील, अर्जेंटीना ने सम्मेलन में शामिल होने की सहमति नहीं दी है. वहीं, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे और उनकी जगह प्रधानमंत्री ली कियांग चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे.


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