यूपी: दारूल उलूम देवबंद ने की कोरोना वायरस की जांच में प्रशासन के साथ सहयोग की अपील
दारूल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबूल कासिम नोमानी ने अपील करते हुए कहा है कि जो भी मरकज से लौटे हैं सामने आकर जांच करवाएं और जिम्मेदारी से हालात का सामना करें.
सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद स्थित इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद ने शनिवार को एक बयान जारी कर तबलीगी जमात में शामिल हुए लोगों समेत सभी से कोरोना वायरस संक्रमण की जांच में शासन प्रशासन के साथ सहयोग करने का आग्रह किया.
दारूल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबूल कासिम नोमानी द्वारा जारी इस अपील में कहा गया कि कोरोना वायरस इस समय वैश्विक समस्या बना हुआ है और दुनिया के कई देश इससे प्रभावित हैं. भारत में भी यह महामारी विदेश से आ गई है इसलिए अपनी और समाज की सुरक्षा के लिए सावधानी बरतना हर तरीके से आवश्यक है. लिहाजा भारत के लोगों से अपील है कि वे मेडिकल जांच कराने में शासन प्रशासन के साथ प्रतिरोध की बजाय उनका सहयोग करें.
उन्होंने कहा कि साथ ही तबलीगी जमात से जुड़े लोगों से भी अपील की जाती है कि जो लोग एक मार्च के बाद मरकज निजामुद्दीन जाकर आए हों, अब वे कहीं भी हों, खुद आगे आएं और कोरोना वायरस के बारे में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करके अपनी मेडिकल जांच कराएं और जिम्मेदारी से काम लेते हुए हालात का सामना करें. उन्होंने कहा कि इस तरह कई प्रकार के खतरों और आशंकाओं को खत्म किया जा सकता है.
नोमानी ने कहा, "तबलीगी जमात के मरकज निजामुद्दीन के जो हालात अभी तक सामने आए हैं वो हर ऐतबार से चिंताजनक हैं. ऐसी मुश्किल घड़ी में जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस संक्रमण का सामना कर रही है. हमारे देश के कुछ प्रदूषित मानसिकता के लोग इसमें भी धार्मिक नफरत का जहर घोल रहे हैं. हम ऐसे तत्वों की कड़ी निंदा करते हैं और भारत सरकार से यह मांग करते हैं कि इस संबंध में वास्तविक स्थिति के अनुसार ऐसे तत्वों, विशेषकर मीडिया जो देश के सौहार्द को नष्ट करने में लगा है, उन पर रोक लगाई जाए."
उन्होंने कहा, "विशेष रूप से कोरोना वायरस के खतरे से घिरे देश और विदेश के लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने के बजाय मानवीय रिश्तों का फर्ज निभाते हुए उनके इलाज और सहायता के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं."
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