Darul Uloom Deoband Bans Women Entry: देवबंद में इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम ने शुक्रवार (17 मई 2024) को अपने परिसर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया. अधिकारियों ने बताया कि यह फैसला परिसर में महिलाओं की तरफ से बनाए जा रहे शॉर्ट वीडियो की वजह से लिया गया है.
वहीं दूसरी तरफ इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर जहां कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं तो ऐसे लोगों की संख्या अधिक है जो इस फैसले के समर्थन में हैं, खासकर के महिलाएं. महिलाओं का मानना है कि यह फैसला सही है. एक टीवी चैनल से बातचीत में मुस्लिम महिलाओं ने इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
'शरीयत में इसकी अनुमति नहीं, सही है बैन'
एक मुस्लिम महिला ने इस पर कहा कि यह बहुत अच्छा फैसला लिया है. धार्मिक स्थलों पर जाकर शॉर्ट वीडियो बनाना गलत है. कई लोग इसे गलत बता रहे हैं लेकिन धार्मिक स्थलों पर पहले तो महिलाओं को जाना ही नहीं चाहिए. अगर गए भी तो इस तरह से वीडियो बनाना सही नहीं है. हमारे शरीयत में इसकी अनुमति नहीं है.
'महिलाएं अपने घर में ही करें इबादत'
एक और महिला ने कहा कि इस तरह से धार्मिक स्थल पर वीडियो बनाना गलत काम है. वहां बस इबादत हो, मोबाइल चलाना और बाकी काम सही नहीं है. हमारे यहां मस्जिदों और दरगाहों में औरतों के जाने को सही नहीं माना जाता. महिलाएं घर पर ही इबादत करें.
'देश में ही नहीं, सऊदी अरब में भी लगे ऐसा बैन'
एक और महिला ने बातचीत में बताया कि चाहे हिंदू हों या मुसलमान धार्मिक स्थल पर इस तरह से वीडियो बनाना गलत है. वीडियो के चक्कर में महिलाएं कुछ भी पहनकर चली जाती हैं. इस तरह का प्रतिबंध सऊदी अरब में भी लगना चाहिए. जब इस्लाम में ये सब है नहीं तो इस पर रोक लगाना चाहिए.
'धार्मिक स्थल पर फिल्मी गानों पर वीडियो ठीक नहीं'
देवबंद में महिलाओं की एंट्री पर प्रतिबंध को लेकर एक शख्स ने कहा कि धर्म चाहे हमारा हो या किसी और का हो. किसी के मजहब को बरा-भुला कहना ठीक नहीं है. धार्मिक स्थलों पर वीडियो बनाना गलत है. खासकर इस्लाम में इसकी गुंजाइश नहीं है. महिलाएं आजकल धार्मिक स्थल पर जाकर फिल्मी गानों पर वीडियो बना रही हैं जो ठीक नहीं है.
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