वित्त वर्ष 2019-20 में जब लोकसभा के चुनाव हुए तब राजनीतिक दलों को कॉर्पोरेट डोनेशन के रूप में 920 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए. ये जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के जरिए सामने आई है. ADR की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट का सबसे ज्यादा डोनेशन बीजेपी और कांग्रेस में रहा.


रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 20 में सबसे ज्यादा कॉरपोरेट डोनेशन बीजेपी को मिला था. इसके बाद कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी थीं. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि बीजेपी और कांग्रेस की कुल आय में इलेक्टोरेल बॉन्ड बड़ा हिस्सा रहा है. वहीं, एनसीपी की कुल आय का बड़ा हिस्सा कॉरपोरेट डोनेशन रहा है. 


बीजेपी को मिला 700 से ज्यादा करोड़ रुपये का दान 


प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने वित्त वर्ष 20 में बीजेपी और कांग्रेस को कुल 248 करोड़ रुपये डोनेट किया. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से बीजेपी को 216.75 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 31.00 करोड़ रुपये मिला. बी जी शिर्के कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड 2019-20 में एनसीपी का शीर्ष दाता था.


वित्त वर्ष 20 में कॉरपोरेट डोनेशन ने ज्ञात स्रोतों से राजनीतिक दलों को कुल योगदान का 91% रहा. ज्ञात स्रोत से जो डोनेशन है वह 20 हजार रुपये से अधिक है. दाता का विवरण भारत के चुनाव आयोग के पास उपलब्ध है.


रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा कॉरपोरेट डोनेशन बीजेपी को मिला, जो 720 करोड़ रुपये था. विश्लेषण में बहुजन समाज पार्टी पर विचार नहीं किया गया, क्योंकि पार्टी ने घोषणा की कि उसे इस अवधि के दौरान किसी भी दाता से 20,000 रुपये से अधिक का कोई स्वैच्छिक योगदान नहीं मिला. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कॉरपोरेट्स से कोई आय घोषित नहीं की.


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