Data Protection Bill: शीतकालीन सत्र में आ सकता है डेटा सुरक्षा बिल, संसदीय समिति ने आपत्तियों के साथ रिपोर्ट के मसौदा पर लगाई मुहर
Data Protection Bill: इस महत्वपूर्ण बिल को 2019 में पेश किया गया था जिसकी समीक्षा करने के लिए बाद में संसद की संयुक्त समिति का गठन किया गया था.
Data Protection Bill: लंबे समय से अधर में लटके डेटा सुरक्षा बिल पर आखिरकार संसद में चर्चा की संभावना बढ़ गई है. बिल पर बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति ने सोमवार को रिपोर्ट अंगीकार कर लिया. रिपोर्ट में जयराम रमेश और डेरेक ओ ब्रायन जैसे कुछ विपक्षी सदस्यों ने कुछ बिंदुओं पर अपनी असहमति भी जताई है.
डेटा सुरक्षा बिल का सबसे ज्यादा विवादित पक्ष सरकारी सुरक्षा और जांच एजेंसियों को बिल के प्रावधानों से बाहर रखने के लिए सरकार को दी गई छूट है. सूत्रों के मुताबिक समिति द्वारा अंगीकार किए गए रिपोर्ट के मसौदे में इस छूट को बरकरार रखने की सिफारिश की गई है. बिल के अनुच्छेद 35 में सरकार को इस बात का अधिकार दिया गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और पब्लिक ऑर्डर जैसे विषयों पर सरकार सीबीआई, आईबी और रॉ जैसी सुरक्षा और जांच एजेंसियों को प्रस्तावित कानून के प्रावधानों से बाहर रख सके.
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने जाहिर की असहमति
इस मुद्दे पर समिति के सदस्य और कांग्रेस सांसद जयराम रमेश के अलावा टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने असहमति जाहिर करते हुए रिपोर्ट में अपना नोट दिया है. असहमति नोट में इन सदस्यों ने कहा है कि सरकार को दी जा रही इस छूट पर कुछ पाबंदियां भी जरूरी हैं ताकि इसका दुरुपयोग न हो सके. इनका कहना है कि छूट के इस प्रावधान पर संसद की निगरानी ज़रूरी है.
इस महत्वपूर्ण बिल को 2019 में पेश किया गया था जिसकी समीक्षा करने के लिए बाद में संसद की संयुक्त समिति का गठन किया गया था. करीब 2 साल की समीक्षा के बाद अब समिति ने रिपोर्ट तैयार कर लिया है जिसे 29 नवम्बर से शुरू कर संसद सत्र में दोनों सदनों में पेश किया जाएगा. बीजेपी सांसद पी पी चौधरी फिलहाल इस समिति के अध्यक्ष हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को तीसरी पार्टी नहीं माना गया
सूत्रों के मुताबिक समिति ने पेनाल्टी के नियमों को थोड़ा नरम बनाने की सिफारिश की है. एक अन्य अहम सिफारिश में फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को तीसरी पार्टी नहीं माना गया है. बिल में डेटा चोरी रोकने और डेटा से जुड़े अन्य पहलुओं पर निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय डेटा सुरक्षा प्राधिकरण बनाने का प्रावधान किया गया है.
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