नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में 12 साल बाद बड़ा बदलाव हुआ है. आरएसएस के नए सरकार्यवाह (महासचिव) पद पर दत्तात्रेय होसबोले को सर्वसम्मति से चुना गया है. दत्तात्रेय होसबोले पिछले 12 साल से लगातार इस पद पर काम कर रहे सुरेश भैयाजी जोशी का स्थान लेंगे. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठने लगा है कि दत्तात्रेय कैसे संघ के दूसरे सबसे ताकतवर पदाधिकारी बने. संघ ने क्यों उन्हें सरकारवाह यानी महासचिव पद पर चुना और अगला सरसंघचालक यानी संघ प्रमुख कौन होगा? इन सवालो के जवाब जानने के लिए पढ़ें ये पूरी रिपोर्ट.


दत्तात्रेय होसबोले पिछले 53 वर्षों से संघ के साथ जुड़े हुए हैं, संगठन कौशल, तीक्ष्ण बौद्धिक क्षमता के धनी दत्तात्रेय होसबोले विभिन्न पदों पर काम करते हुए पिछले एक दशक से आरएसएस के तीसरे सबसे ताक़तवर पद सह सरकारवाह पर काम कर रहे थे.


दरअसल संघ प्रमुख हर तीसरे साल प्रतिनिधि सभा की बैठक में अपनी नई टीम का चुनाव करते हैं. इसमें एक पद संघ के सरकारवाह यानी महासचिव का चुनाव होता है. आम तौर पर सर्व सहमति के आधार पर प्रतिनिधसभा की बैठक में पहले से तय नाम का प्रस्ताव होता है और मौजूद सदस्यों की आम सहमति से चुनाव कर लिया जाता है.


अग़र प्रतिनिधि सभा की बैठक में कोई स्वयं सेवक किसी और के नाम का प्रस्ताव रख दे तो फिर वोटिंग के ज़रिए सरकार्यवाह के नाम का चुनाव होता है. दत्तात्रेय होसबोले अब निवर्तमान सरकार्यवाह भैया जी जोशी का स्थान लेंगे.


भैयाओं जोशी का स्वास्थ काफ़ी समय से ठीक नहीं चल रहा है. उन्हें रोज़मर्रा के कामकाज करने में भी काफ़ी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा था इसलिए संघ प्रमुख ने भैया जी जोशी के स्थान पर दत्तात्रेय होसबोले को अपना नया सरकार्यवाह निर्वाचित करवाया है.


अब सवाल ये भी पूछा जा रहा है कि क्या दत्तात्रेय होसबोले संघ के दूसरे सबसे ताक़तवर पदाधिकारी निर्वाचित हुए हैं तो क्या वे अगले सर संघचालक या संघ प्रमुख होगे क्या वे भविष्य में मोहन भागवत की जगह ले सकते हैं. तो इसका जवाब है आरएसएस की परम्परा के मुताबिक़ अगला सर संघचालक या संघ प्रमुख कौन होगा वो वर्तमान संघ प्रमुख ही तय करते हैं.


परंपरा के मुताबिक़ संघ प्रमुख, अगले सरसंघ चालक का नाम एक जगह पर लिखा कर लिफ़ाफ़े में सीलबंद कर रख देते हैं, ये लिफ़ाफ़ा उनकी मृत्यु के उपरांत खोला जाता हैं और जिसका नाम लिखा होता है वो अगला संघ प्रमुख नियुक्त हो जाता हैं.


सिर्फ़ बीमारी या असाधारण परिस्थितियों में ही सर संघचालक अपने जीवित रहते हुए संघ प्रमुख का पद छोड़ कर नए संघ प्रमुख का नाम का एलान करते हैं, जैसा कि वर्ष 2009 में तत्कालीन संघ प्रमुख केसी सुदर्शन ने अपनी कुर्सी ख़राब सेहत के चलते छोड़ दी थी और मोहन भागवत को नया संघ प्रमुख मनोनीत किया था.


इसलिए मोहन भागवत के बाद अगला संघ प्रमुख कौन होगा ये अभी नहीं कहा जा सकता है, नव निर्वाचित दत्तात्रेय होसबोले काफ़ी तेज तर्रार और संघ प्रमुख मोहन भागवत की तरह प्रयोगवादी माने जाते हैं और ये कहा जा सकता है कि आने वाले समय में संघ में काफ़ी नए प्रयोग देखने को मिल सकते हैं.


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