नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का आज दूसरा दिन है. माना जा रहा है कि आज बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय हो सकते हैं. सबसे महत्वपूर्ण निर्णय सरकार्यवाहक के पद पर होगा. पिछले 9 सालों से (तीन-तीन साल के तीन कार्यकाल) भैयाजी जोशी इस पद पर कार्यरत हैं. सूत्रों के मुताबिक RSS इस मुद्दे पर अभी बंटा दिख रहा है. एक पक्ष भैयाजी जोशी को ही सरकार्यवाह के पद पर बनाए रखना चाहता है जबकि दूसरा पक्ष दत्तात्रेय होसबोले को सरकार्यवाह बनाना चाहता है. होसबोले को मोदी-शाह का करीबी माना जाता है.


भैयाजी जोश पक्ष के लोगों का तर्क है कि 2019 के चुनावों को देखते हुए कमान भागवत-जोशी के पास ही रहे. वहीं दूसरे पक्ष का तर्क है कि बदलाव होना चाहिए. आज दोपहर तक इस पर फैसला हो सकता है और शाम तक इसकी घोषणा की जा सकती है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया भी सुबह से बैठक में मौजूद हैं.



भैयाजी होना चाहते हैं पदमुक्त


ऐसा माना जा रहा है कि दत्तात्रेय होसबोले नए सरकार्यवाह होंगे. दत्तात्रेय अभी तक सहसरकार्यवाह थे. वर्तमान सरकार्यवाह भैयाजी जोशी अपनी तबीयत के कारण पदमुक्त होना चाहते हैं. आरएसएस की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई- अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की ये बैठक हर तीन साल में होती है. चूंकि 2019 के आम चुनावों से पहले ये बैठक हो रही है इसलिए इसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.



इस बैठक में फैसला किया जाएगा कि संघ का आगामी स्वरूप कैसा होगा. संगठन से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी इसी बैठक में लिए जाएंगे. इस बैठक में 1400 से अधिक स्वयंसेवक शामिल हैं. सरकार्यवाह भैयाजी जोशी का कार्यकाल मार्च 2018 में पूरा हो रहा है. आरएएस प्रतिनिधि सभा की यह बैठक साल 2025 में उसके शताब्दी वर्ष को देखते हुए भी महत्वपूर्ण है.


आरएसएस में सरसंघ चालक के बाद सरकार्यवाह का पद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद माना जाता है. आरएसएस में सरकार्यवाह ही प्रशासनिक और सांगठनिक तरीके से कामकाज पर नजर रखते है. फिलहाल सरसंघ चालक मोहन भागवत हैं. सरसंघ चालक मनोनीत किये जाते हैं जबकि सरकार्यवाह का चुनाव होता है. सरकार्यवाह का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है. संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक हर साल होती है. दो साल अन्य जगहों पर आयोजन के बाद हर तीसरे साल प्रतिनिधि सभा की बैठक संघ मुख्यालय नागपुर में होती है.