क्या है पूरा मामला-
गुजरात में एक रैली के दौरान शहीद बीएसएफ जवान की बेटी मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से पहुंची थी लेकिन वहां से उसे महिला पुलिस कर्मियों ने रोक लिया और घसीटकर बाहर निकाला. मंच के नीचे उस लड़की के साथ पुलिस ऐसे पेश आई जैसे वो कोई उपद्रवी हो. ये सब मुख्यमंत्री के सामने हो रहा था और वहां पर उन्होंने उसे रोकने के बजाय उसे शांति से बाहर ले जाने के लिए कहते दिखे.
जिस लड़की के साथ पुलिस ने ये सलूक किया है वो कोई और नहीं शहीद अशोक तडवी की बेटी रुपल है जो गुजरात के सीएम विजय रूपाणी के पास अपनी गुहार लेकर पहुंची थी. रूपल 26 साल की हैं और वो कई सालों से इस बात को लेकर प्रदर्शन कर रही है कि उसके पिता अशोक तडवी के शहीद होने के बाद सरकार ने जो जमीन देने का कथित रूप से वादा किया था वह आज तक पूरा नहीं किया.
जब मुख्यमंत्री रैली को संबोधित कर रहे थे उस वक्त वो दर्शकों के बीच बैठी थी और अचानक से चिल्लाते हुए मंच की ओर दौड़ पड़ी, ‘‘ मैं उनसे मिलना चाहती हूं...मैं उनसे मिलना चाहती हूं.’’ इसके बाद मानो वहां कोहराम मच गया. रूपल के कुछ कह पाने से पहले ही पुलिस वालों ने उसे घेर लिया और उसे सभा स्थल से बाहर ले जाने लगे. उस वक्त रूपाणी ने मंच से कहा, ‘‘ मैं आपसे इस कार्यक्रम के बाद मिलूंगा.’’ लेकिन कोई मुलाकात नहीं हुई.
बता दें कि बीएसएफ के जवान रहे अशोक तडवी साल 2002 में जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गए थे. उसके परिवार का कहना है कि 15 साल बीत जाने के बावजूद उन्हें सरकार से कोई मदद नहीं मिली.
रूपल को पुलिस कर्मियों द्वारा ले जाने के दौरान बचने के लिए संघर्ष करने का वीडियो वायरल हो गया है. राहुल गांधी ने घटना का वीडिया ट्विटर पर पोस्ट किया है और कहा कि बीजेपी का अहंकार अपने चरम पर है. गांधी ने हिंदी में ट्विटर पर लिखा, ‘‘परम देशभक्त’ रुपाणीजी ने शहीद की बेटी को सभा से बाहर फेंकवा कर मानवता को शर्मसार किया. 15 साल से परिवार को मदद नहीं मिली, खोखले वादे मिले.’’
इस विवाद में घिरे मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस पर संवदेना जताने की बजाय कांग्रेस से ही सवाल पूछे हैं. उन्होंने कांग्रेस को लेकर कई सारे ट्विट्स किए हैं. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ''देश की रक्षा करने वाले सैनिकों का सम्मान सिर्फ भाजपा सरकार ने किया है. शहीदों की विधवाओं के लिए बनाई गई आदर्श सोसायटी घोटाले के मामले में कांग्रेस जवाब देती तो अच्छा होता.''
जमीन ना देने के आरोपों पर भी सफाई देते हुए उन्होंने लिखा है, ''श्रीमती रेखाबेन अशोकभाई तड़वी को भाजपा सरकार की ओर से 4 एकड़ ज़मीन, 10,000 रुपए मासिक पेंशन और 36,000 रुपए वार्षिक पेंशन उपलब्ध कराया गया है. इसके अलावा, उन्हें सड़क के पास की 200 वर्ग मीटर आवासीय भूखंड भी दिया जा रहा है.''
हालांकि रूपल का कहना है कि अब भी उनकी मां इस जमीन को पाने के लिए कचहरी के धक्के खा रही हैं.
बता दें कि गुजरात चुनाव को लेकर सियारी पारा गरम है. ऐसे में पिछले कुछ दिनों से विरोधियों के हमले से घिरी कांग्रेस के लिए ये वीडियो सियासी संजीवनी साबित हो सकता है. लेकिन असल में ये तस्वीर शहीदों के लिए सत्ता की संवेदनहीनता दिखाती है.