देश में कोरोना वायरस महामारी के चलते स्कूल और कॉलेज खुल नहीं पाये हैं. ऐसे में वे ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश के एक किसान ने बेटी की ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने के लिये अपनी गाय बेची दी. मंगलवार को पॉपुलर पेज 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' ने सोशल मीडिया पर किसान की स्टोरी शेयर की. हालांकि स्टोरी में किसान का नाम नहीं दिया गया है. इसके बाद सोशल मीडिया पर किसान की प्रशंसा की जा रही है और उसे मदद के ऑफर भी दिये गये हैं.


'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' के साथ अपने इंटरव्यू में किसान ने बताया कि जब महामारी के चलते स्कूलों ने अपनी कक्षाएं ऑनलाइन शुरू की तो उसने अपने दोस्तों से पैसे उधार लिए ताकि वह अपनी 10 वर्षीय बेटी के लिए स्मार्टफोन खरीद सके.


5000 हजार से कम मासिक आय
किसान ने कहा कि '' पैसा की हमेशा ही तंगी रहती है. मैं हर महीने 5000 रुपए कमाता हूं, कभी-कभी इससे कम भी, लेकिन मैंने यह सुनिश्चित किया कि मेरे दोनों बच्चे स्कूल जाएं '' उन्होंने कहा कि उन्हें आठवीं कक्षा में स्कूल छोड़ना पड़ा था, लेकिन वह अपने 7 साल के बेटे और 10 साल की बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहते हैं.


गांव में फोन उधार लेने में गुजर जाता था आधा दिन
जब उनकी बेटी के स्कूल ने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कीं तो उनके पास स्मार्टफोन नहीं था. छात्रा शुरू में अपने गांव में लोगों से स्मार्टफोन उधार लेती थी ताकि वह पढ़ाई कर सके. किसान ने बताया कि "वह आधे दिन पूरे गांव में घूमते हुए गुज़ारती थी, किसी से फोन उधार लेने की कोशिश करती थी. जल्द ही लोग तंग आ गए"


दोस्तों से उधार लेकर खरीदा स्मार्टफोन
बेटी को निराश देखकर उसने स्मार्टफोन अरेंज करने का फैसला किया. किसान ने बताया "मैंने अपने कुछ दोस्तों से बात की, मेरी स्थिति के बारे में बताया और उन्होंने मुझे 5000 रुपए उधार दिए!". किसान और उसकी पत्नी ने फिर स्मार्टफोन देकर अपने बच्चों को सरप्राइज कर दिया. उन्होंने कहा,"मेरी बेटी ने इसे लिया और अध्ययन करना शुरू कर दिया. फोन ज्यादातर समय उसी के पास रहता है. मैं बहुत खुश था कि उसकी पढ़ाई कॉम्प्रोमाइज नहीं हुआ"


कुछ हफ्तों के बाद किसान के दोस्त चाहते थे कि वह अपने उधार लिए गए पैसे वापस लौटाये. उसे पैसे की व्यवस्था करने के लिए स्मार्टफोन बेचना पड़ता, लेकिन अपनी बेटी का दिल न टूटे इसलिये उसने अपनी गाय बेचने का कठिन निर्णय लिया.


आजीविका का साधन गाय ही
किसान के अनुसार "मैंने वही किया जो करना चाहिये था. मैंने अपनी गाय बेची और अपना कर्ज चुकाया, भले ही हम सर्वाइव करने के लिए गाय के दूध बेचने पर निर्भर हैं," उन्होंने कहा कि यह उनकी बेटी का सपना था कि वह डॉक्टर बनें और इस विश्वास के साथ अपने इंटरव्यू को समाप्त किया कि वह एक दिन डॉक्टर की व्हाइट लैब कोट अवश्य पहनेंगी.


 






मदद के लिये आगे आये लोग
किसान की स्टोरी ने सोशल मीडिया पर दिलों को छू लिया है. इस स्टोरी को फेसबुक पर 14,000 लाइक और इंस्टाग्राम पर 52,000 से अधिक लाइक्स मिले हैं. बहुत से लोगों ने उनकी प्रशंसा की है. कमेंट सेक्शन में कई लोगों ने किसान की कॉन्टेक्ट डिटेल्स मांगी ताकि वे मदद कर सकें.


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