Dawood Ibrahim News: क्या इंडिया के मोस्टवांटेड दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान में जहर दे दिया गया? ये वो सवाल है जो दुनिया के कोने-कोने में पूछा जा रहा है. पाकिस्तान की एक पत्रकार ने दावा किया कि दाऊद इब्राहिम को किसी अज्ञात शख्स ने जहर दे दिया है और वो अस्पताल में भर्ती है. खबर तो यहां तक है कि दाऊद को जहर दिए जाने के बाद पाकिस्तान में इंटरनेट बंद कर दिया गया.


सोशल मीडिया पर दाऊद की मौत के दावे किए जा रहे हैं. इस खबर में देश के हर नागरिक को इंटरेस्ट है क्योंकि दाऊद भारत का दुश्मन नंबर वन है. क्या दाऊद का वाकई the end हो गया है? क्या दाऊद को जहर देकर जान से मारने की कोशिश हुई है?


सवाल कई लेकिन जवाब नहीं


कराची में जिसका घर नहीं बल्कि अभेद किला है, उस किले के भीतर दाऊद का कोई दुश्मन आखिर कैसे पहुंचा? जिसके पास पाकिस्तान के मंत्रियों से भी ज्यादा कड़ी सुरक्षा का पहरा होता है उसके हलक तक जहर का घूंट कैसे पहुंचा? दाऊद इब्राहिम जिसकी सुरक्षा का जिम्मा किसी और के पास नहीं बल्कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के जिम्मे है, उस सुरक्षा कवच को भेदकर दाऊद तक मौत का पैगाम कैसे पहुंचा? इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि 67 साल का दाऊद इब्राहिम जिंदा भी है या फिर मर चुका है?


क्योंकि पहले पाकिस्तान से ही खबर आई कि दाऊद को जहर दे दिया गया और फिर वहीं से इसकी चर्चा शुरू हुई कि दाऊद की मौत हो गई. पाकिस्तानी पत्रकार आलिया का कहना है कि  दाऊद इस वक्त इस दुनिया में नहीं है. कन्फर्म खबर नहीं है लेकिन दो दिन से चल रही है और कल रात 1 बजे पता चला कि उसकी मौत हो गई.


भारत के मोस्ट वांटेड लिस्ट में सबसे ऊपर है दाऊद इब्राहिम का नाम


अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम जो पिछले 30 साल से पाकिस्तान के कराची में अपना ठिकाने बनाए हुए है. पाकिस्तान दाऊद की मौजूदगी की खबर को नकारता रहा है लेकिन दाऊद को जहर देने की खबर ने उसके झूठ की एक बार फिर से पोल खोल दी है.


पाकिस्तान की वरिष्ठ पत्रकार आरजू काजमी ने ही सबसे पहले पाकिस्तान में दाऊद को जहर दिए जाने वाली खबर का बम फोड़ा था. बस इस खबर के बाद तो माहौल तेजी से बदलने लगा. पहले खबर आई कि पाकिस्तान में इंटरनेट ही बंद कर दिया गया. सोमवार सुबह होते होते खबर आई कि दाऊद इब्राहिम के समधी और रिश्तेदारों को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है.


पाकिस्तान के पत्रकार कह रहे दाऊद कराची में है


दाऊद इब्राहिम को कराची में जहर दिए जाने वाली खबर का असर ये हुआ कि खुद पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी के लिए इस खबर को देने के बाद एक घंटा सो पाना भी मुहाल हो गया था.


अब समझिए खुद पाकिस्तान के पत्रकार ही इस खबर की चर्चा कर रहे हैं कि कराची में दाऊद को जहर दिया गया जबकि पाकिस्तान ने कभी इस बात को कबूल नहीं किया कि दाऊद उनकी पनाह में है. अब पाकिस्तान फंस चुका है. ये वो स्थिति है कि न तो उससे निगलते बन रहा है और न ही उगलते.


दाऊद के समधी मियांदाद ने भी साधी चुप्पी


दाऊद को जहर दिए जाने वाली खबर पर जावेद मियादांद की प्रतिक्रिया सामने आई है. मियादांद ने एबीपी न्यूज से कहा कि उन्हें हाउस अरेस्ट किए जाने की खबर गलत है और दाऊद पर जो कुछ कहना होगा वो पाकिस्तान की सरकार कहेगी. पाकिस्तान दाऊद पर मुंह खोले भी तो कैसे- क्योंकि वो तो दाऊद पर हमेशा सिर्फ झूठ बोलता आया है. भारत के सबसे बड़े दुश्मन को पाकिस्तान दशकों तक छिपाता रहा. बार-बार इंटरनेशनल फोरम पर झूठ गड़ता रहा. पाकिस्तान की सरकारें बदलती रहीं लेकिन दाऊद पर स्टैंड नहीं बदला.


किसी जानने वाले ने ही दिया होगा जहर?


जिन लोगों को कराची के बारे में पता है. उनको अंदाजा होगा कि क्लिफटन की जो पहचान है उसमें सबसे पहले दो तलवार का नाम आता है. कराची के क्लिफटन का वो इलाका जिसकी गिनती पाकिस्तान के बेहद पॉश इलाकों में होती है. समंदर के किनारे मौजूद वो जगह जहां सिर्फ रसूखदार लोग रहते हैं. कराची की डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी की गली नंबर 30 यानि वो सड़क जहां दाऊद इब्राहिम का घर है और उस बंगले का नंबर है 37.


जरा सोचिए जिस पाकिस्तानी जमीन पर मौजूद दाऊद के ठिकाने पर परिंदा भी पर नहीं मार सकता भला उसके निवाले तक जहर पहुंचाने की हिम्मत किसने की होगी? वरिष्ठ पत्रकार एस बालाकृष्णन कहते हैं कि जहर किसी जानने वाले ने ही दिया होगा. दाऊद इब्राहिम की मौत भारत के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं होगी लेकिन इस खबर पर तब तक खुश नहीं हुआ जा सकता जब तक इसकी पुष्टि नहीं होती.


सबसे अमीर गैंगस्टर


पिछले साल 1 सितंबर को देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एनआईए ने दाऊद से जुड़ी जानकारी देने पर 25 लाख रुपए का ईनाम घोषित किया था. एनआईए ने कहा था कि दाऊद लश्कर ए तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक दाऊद ने हजारों करोड़ रुपए कराची और इस्लामाबाद में रियल एस्टेट धंधे में लगा रखे हैं.


कराची में दाऊद को इकबाल सेठ के नाम से जाना जाता है. फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक दाऊद इब्राहिम अब तक का सबसे अमीर गैंगस्टर है. 8 साल पहले 2015 में फोर्ब्स ने दाऊद की संपत्ति करीब 55 हजार 656 करोड़ आंकी थी.


अब समझिए जिस पाकिस्तान की जड़ तक में दाऊद इब्राहिम की काली कमाई का पैसा लगा हुआ है उसे तो वहां की सरकार प्रोटेक्ट करेगी ही लेकिन मौजूदा हालात में एक थ्योरी ये भी सामने आई है कि दाऊद को जहर देने के पीछे पाकिस्तान की सेना भी हो सकती है.


पाकिस्तानी सेना की प्लानिंग?


पिछले दो सालों में पाकिस्तान राजनैतिक और आर्थिक रूप से जितना कमजोर हुआ है उतना शायद पहले नहीं था. पाकिस्तान कमजोर हो रहा है जबकि भारत की धाक का लोहा पूरी दुनिया मान रही है. तो थ्योरी कुछ ऐसी है कि पाकिस्तान की सेना को इस बात का डर सता रहा था कि भारतीय एजेंसियां अगर दाऊद तक पहुंच गई और दाऊद को दबोच लिया तो पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने एक्सपोज हो जाएगा. ठीक उसी तरह जैसे अमेरिका ने पाकिस्तान के एबटाबाद में घुसकर लादेन को मारा था.


कहा जा रहा है कि एक्सपोज होने के डर से इस बात की संभावना है कि पाकिस्तान की सेना ने ही जहर देने की प्लानिंग की हो. शक की वजह इसलिए भी मिल रही है क्योंकि लंबे समय से दाऊद पाकिस्तानी सेना और एजेंसी के इशारे पर ही काम कर रहा था. वैसे दाऊद की मौत से जुड़ी खबर कोई पहली बार नहीं आई है.


कब-कब आई दाऊद की मौत की खबर


साल 2016 में गैंगरीन से मौत की खबर आई थी. इसके 1 साल बाद 2017 में दिल का दौरा पड़ने से मौत की अफवाह उड़ी. फिर साल 2020 में कोरोना से दाऊद के मरने की खबर उड़ी और तीन साल बाद 2023 में जहर देकर मारने की खबर आई है? इस बार भी ये खबर सच होगी या फिर महज एक अफवाह, इसकी पुष्टि में वक्त लगेगा लेकिन ये जरूर तय है कि पाकिस्तान की हवा इस बार कुछ बदली हुई है.


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