SC Cancel Rizwan Kaskar Bail Plea: भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के भतीजे रिज़वान कासकर की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. बिल्डर को धमकाने के मामले में 2019 में गिरफ्तार रिज़वान पर मकोका के तहत केस दर्ज है. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से 6 महीने में आरोप तय करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि इसके बाद रिज़वान ज़मानत का प्रयास कर सकता है.
मुंबई के एक बिल्डर को 2019 में दाऊद के गुर्गों छोटा शकील और फहीम मचमच के नाम से धमकी भरे कॉल आए थे. इन अंतर्राष्ट्रीय कॉल्स की जांच के दौरान मामले के तार भारत में ही रहने वाले दाऊद के भतीजे मोहम्मद रिज़वान इकबाल इब्राहिम कासकर से जुड़े हुए पाए गए. पुलिस ने पाया कि रिज़वान दाऊद गैंग से जुड़ी अवैध गतिविधियों में शामिल है. पिछले साल 30 दिसंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने रिज़वान की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
हाई कोर्ट के जस्टिस नितिन सम्बरे ने कहा था कि आरोपी पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज़्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) की जिन धाराओं के तहत केस दर्ज है, उनमें 10 साल से अधिक की सज़ा है. उसके खिलाफ संगठित अपराध में शामिल होने के प्रथमदृष्टया सबूत हैं. उसे जमानत नहीं दी जा सकती. आज सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम आर शाह और बी वी नागरत्ना की बेंच ने रिज़वान के लिए पेश वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत की दलीलें सुनीं. लेकिन जज उससे आश्वस्त नहीं हुए. उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि निचली अदालत में आरोप तय होने के बाद वह फिर से जमानत याचिका दाखिल कर सकता है.