बच्चों पर होगा कोरोना वैक्सीन का ट्रायल, 2-18 साल के 525 स्वस्थ वालंटियर पर परीक्षण की अनुमति
2 से 18 साल के आयु वर्ग में ट्रायल का प्रस्ताव 11 मई को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी के सामने आया था और इस पर विचार-विमर्श किया गया था.
नई दिल्ली: भारत में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति मिल गई है. 12 मई को देश के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवेक्सीन के दूसरे और तीसरे क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति दी है. ये क्लीनिकल ट्रायल 2 से 18 वर्ष की आयु समूह में किया जाएगा.
मेसर्स भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड, हैदराबाद ने 2 से 18 वर्ष के आयु वर्ग में कोवैक्सीन का दूसरे और तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल करने का प्रस्ताव दिया था. जिसके बाद CDSCO की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने सहमति दी थी. अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 525 स्वस्थ वालंटियर में परीक्षण करने की अनुमति दी है. परीक्षण में टीके को इंट्रामस्क्युलर मार्ग द्वारा दो खुराक 0 और 28वें दिन पर दी जाएगी.
विचार-विमर्श किया
2 से 18 साल के आयु वर्ग में ट्रायल का प्रस्ताव 11 मई को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी के सामने आया था और इस पर विचार-विमर्श किया गया था. विस्तृत विचार-विमर्श के बाद समिति ने प्रस्तावित दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भी अपनी मंजूरी दे दी.
इसे पहले इस वैक्सीन का भारत मे तीन चरण का ट्रायल अलग-अलग जगहों पर हुआ था. जिसके बाद जनवरी के पहले हफ्ते में इस वैक्सीन को इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन की मंजूरी दे दी गई थी. अब भारत मे चल रहे टीकाकरण में इसे लोगों को दिया जा रहा है.