उत्तराखंड सुरंग हादसे में बचाई 41 लोगों की जान, डीडीए ने ढहा दिया उसी रैट माइनर का मकान
Vaqeel Hasan House Demolished: डीडीए का कहना है कि खजूरी खास गांव में अधिग्रहित भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए एक विध्वंस अभियान चलाया गया था. ये जमीन प्लांड डेवलेपमेंट लैंड का हिस्सा थी.
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Uttarakhand Tunnel Rescue Operation: पिछले साल उत्तराखंड सुरंग हादसे ने पूरे देश में जमकर चर्चा बटोरी थी. लोग टकटकी लगाए सुरंग में फंसे मजदूरों के निकलने का इंतजार कर रहे थे. फिर सिल्कयारा सुरंग से 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया जाता है लेकिन अब उस सुरंग हादसे में 41 मजदूरों को रेस्क्यू करने वाली टीम को लीड कर रहे शख्स का मकान ढहा दिया जाता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 3 महीने पहले जब वकील हसन अपने घर लौटे थे तो उनका सीना गर्व से चौड़ा था क्योंकि उनकी टीम ने 17 दिनों से सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की जान बचाई थी. वहीं, बुधवार (28 फरवरी) को जब वो खजूरी खास इलाके में श्रीराम कॉलोनी के उसी घर में लौटे तो देखा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत इसे ध्वस्त कर दिया.
क्या कहा वकील हसन ने?
45 साल के वकील हसन रॉकवेल एंटरप्राइजेज कंपनी के मालिक भी हैं. ये कंपनी खनन करने वालों को नौकरी देती है. उन्होंने कहा, “वे लोग (अधिकारी) आज (बुधवार) सुबह मकान ध्वस्त करने के लिए आए. मैं और मेरी पत्नी घर पर नहीं थे, सिर्फ मेरे बच्चे थे. मैं उनके पीछे भागा और उनसे आगे न जाने के लिए नाकाम कोशिश की. वो लोग नहीं माने और मेरे मकान को ध्वस्त कर दिया.”
उन्होंने दावा किया कि इलाके में केवल उसके घर को ही निशाना बनाया गया. वकील हसन ने कहा, “उसी लाइन में और भी घर हैं, यह एक कॉलोनी है. उन लोगों ने कहा कि यह डीडीए की जमीन है. इलाके में सिर्फ मेरा घर तोड़ा गया. रजिस्ट्री 1987 की है और हम 2012 से यहां रह रहे हैं. यह 80 गज का प्लॉट है.”
डीडीए ने क्या कहा?
डीडीए ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “28 फरवरी 2024 को खजूरी खास गांव में अधिग्रहित भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए एक विध्वंस अभियान चलाया गया था. ये जमीन नियोजिक विकास भूमि का हिस्सा थी.”
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