DDC Election: कुपवाड़ा जिले में पाकिस्तानी महिला लड़ रही हैं चुनाव, अमन-शांति का पैगाम लेकर मांग रही हैं वोट
DDC चुनावों में पाकिस्तानी नियंत्रण वाले कश्मीर से आई एक महिला चुनावी मैदान में हैं जो अमन और शांति का पैगाम लेकर लोगों से अपनी जीत के लिए वोट मांग रही हैं.
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जम्मू-कश्मीर: पहली बार हो रहे DDC चुनावों में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हो रहे हैं. लेकिन सरहदी जिले कुपवाड़ा से एक अलग ही तरह की खबर सामने आई है. कुपवाड़ा के द्रग्मुल्ला क्षेत्र में DDC चुनावों में पाकिस्तानी नियंत्रण वाले कश्मीर से आई एक महिला चुनावी मैदान में हैं जो अमन और शांति का पैगाम लेकर लोगों से अपनी जीत के लिए वोट मांग रही हैं.
42 साल की सोमिया सदफ पाकिस्तानी कश्मीर के मुज़फ्फराबाद की रहने वाली है. साल 2010 में अपने कश्मीरी पति और बच्चों के साथ जम्मू-कश्मीर आई थी. सोमिया का पति कुपवाड़ा के द्रग्मुल्ला का रहने वाला है और 1990 में हथियारों की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तानी कश्मीर चला गया. लेकिन वहां उस ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया और आम जीवन गुजारना शुरू किया. जिसके बाद सोमिया से शादी कर ली.
कश्मीर के लोगों से बेहद प्यार और भरोसा मिला- सोमिया
साल 2010 में तत्कालीन उमर अब्दुल्ला सरकार ने पूर्व आतंकियों के लिए रिहैबिलिटेशन पॉलिसी की घोषणा की थी जिसका फायदा उठा कर सोमिया और उसका परिवार नेपाल के रास्ते वापस लौटा और कुछ दिन जेल में गुजारने के बाद घर लौटे. लेकिन इस के बाद से ही उन की परेशानियां शुरू हो गईं जिनसे वो आज तक लड़ रही हैं. सोमिया के अनुसार कश्मीर लौटने पर जो प्यार और भरोसा उन को लोगों से मिला उसी का नतीजा है कि आज वो चुनावी मैदान में हैं. भले ही उस का मायका पाकिस्तान में हो लेकर हर लड़की का घर उसका ससुराल ही होता है. अब वो यही पर रहकर लोगों के भरोसे पर खरा उतर ने की कोशिश कर रही हैं.
सोमिया उन सैकड़ों पाकिस्तानी लड़कियों में शामिल है जो पुनर्वास योजना के तहत पाकिस्तान से भारत लौटी थीं. लेकिन ना तो वह यहां नौकरी कर सकती है और ना ही कोई कारोबार. लेकिन DDC चुनावों में उन को यह मौका मिला कि वो समाज के साथ जुड़ जाएं और कुछ काम कर सकें. साथ ही सोमिया ऐसा करने वाली पहली महिला बन गई है.
खुद की मिसाल देकर जनता से सोमिया मांग रही समर्थन
सोमिया घर घर जाकर लोगों से खास तोर पर महिलाओं से वोट मांग रही हैं. इस के लिए वह अपनी खुद की जिंदगी की मिसाल देकर उन से समर्थन मांग रही है. सोमिया का मुकाबला दर्जन भर उम्मीदवारों है लेकिन वह उन से अपने चुनावी निशान लैपटॉप पर मुहर लगाने के लिए तैयार करने की कोशिश में है. पाकिस्तान के बारे में बोलते हुए सोमिया का कहना है कि जैसे वो अपने मायके के लिए सच्ची थी वैसी ही अब वो अपने सुसराल के लिए है. पाकिस्तान से वह अमन और शांति का पैगाम लेकर ही कश्मीर लौटी थी और अब पूरे देश में उस पैगाम को ले जाना चाहती हैं.
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