पंजाब में ट्रेनों को लेकर जारी है डेडलॉक, आंदोलनकारी और रेलवे अपनी-अपनी शर्तों पर अड़े हुए
किसान यूनियन का कहना है कि रेलवे पहले मालगाड़ी चलाए उसके बाद यात्री गाड़ियों के बारे में सोचा जाएगा. पंजाब सरकार ने भी आंदोलनकारी किसानों के अनुसार ट्रेन चलाने की मांग की है.
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नई दिल्ली: किसान आंदोलन के कारण पंजाब में पिछले 50 दिनों से ट्रेनें पूरी तरह ठप हैं. पंजाब में ट्रेनों के न चलने से रेलवे को अबतक 2100 करोड़ रूपए से ज़्यादा का नुक़सान हो चुका है. किसान यूनियन का कहना है कि रेलवे पहले मालगाड़ी चलाए उसके बाद यात्री गाड़ियों के बारे में सोचा जाएगा. पंजाब सरकार ने भी आंदोलनकारी किसानों के अनुसार ट्रेन चलाने की मांग की है. लेकिन रेलवे ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सभी तरह की ट्रेनों को एकसाथ चलाने की इजाज़त नहीं दी जाएगी तब तक कोई भी ट्रेन नहीं चलाई जाएगी. ऐसा सुरक्षा की गारंटी के लिए ज़रूरी है.
दिल्ली में कोविड से निपटने के लिए रेलवे की तैयारी
गृहमंत्रालय को रेलवे ने बताया है कि दिल्ली के शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर कुल 50 कोविड केयर कोच रखे गए हैं. प्रत्येक कोच में 16 बेड हैं. यानी यहां कोविड मरीज़ों के इलाज के लिए कुल 800 बेड मौजूद है. हालांकि आज सुबह तक यहां सिर्फ़ 15 मरीज़ ही आए हैं. इस वक़्त पूरी दिल्ली में 212 कोच उपलब्ध हैं. हालांकि ज़रूरत पड़ने पर 503 कोच तक रेलवे उपलब्ध कराने की स्थिति में हर वक़्त तैयार है.
छठ की तैयारी
15 अक्टूबर से 30 नवम्बर के बीच कुल 300 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं. दिवाली और छठ के 10 दिनों में कुल 120 स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं जिनके कुल चक्कर 1200 हैं. अगले तीन दिनों में सिर्फ़ बिहार की दिशा वाली 35 फ़ेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी.
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