मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पटेरा थाना क्षेत्र के एक गांव में रविवार को खेलने के दौरान खेत में एक खुले बोरवेल में गिरने से तीन साल के बच्चे की मौत हो गई. राज्य में पिछले चार दिनों में बोरवेल में गिरने से बच्चे के मरने की यह दूसरी घटना है. दमोह के जिलाधिकारी एस. कृष्ण चैतन्य ने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और अन्य बचाव कर्मियों द्वारा चलाए गए करीब पांच घंटे के बचाव अभियान के बाद भी बोरवेल में गिरे बालक को बचाया नहीं जा सका.


ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) अशोक बरोनिया ने बताया कि बोरवेल से बाहर निकाल कर बालक को तत्काल पटेरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उन्होंने बताया कि बोरवेल से बाहर निकाले जाने से करीब दो घंटे पहले ही बच्चे की दम घुटने से मौत हो गई थी.






पटेरा पुलिस थाने के प्रभारी श्याम बिहारी मिश्रा ने बताया कि घटना जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर बरखेरा बैस गांव में हुई. उन्होंने कहा "बरखेरा बैस गांव के निवासी धर्मेंद्र अठ्या का तीन वर्षीय पुत्र प्रिंस अपने माता-पिता के साथ खेत में गया था. दोपहर करीब 12 बजे खेलते-खेलते वह खेत खोदे गए 30 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया और करीब 15 फीट की गहराई में फंस गया."


मिश्रा ने बताया कि प्रिंस की मां सुषमा ने उसे गिरते हुए देखा और तत्काल अपने पति धर्मेंद्र को दी. उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस, प्रशासनिक और स्वास्थ विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और बचाव अभियान शुरू किया. मिश्रा ने बताया कि जेसीबी की मदद से बोरवेल के पास खुदाई कर बच्चे को सुरक्षित बचाने का प्रयास किया गया, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली. इससे पहले मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के बदरछड़ गांव में 24 फरवरी को 200 फुट से अधिक गहरे बोरवेल में गिरने से तीन साल के गौरव दुबे की मौत हो गई थी.


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