नई दिल्ली: पश्चिम दिल्ली में शुक्रवार शाम डीजेबी सीवर गड्ढे की सफाई करते हुए अनिल नाम के 28 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई. जिस शख्स ने अनिल को सीवर को साफ करने के लिए बुलाया था रविवार शाम को उसे गिरफ्तार कर लिया गया. यह घटना शाम के करीब 7 बजे हुई थी. मौटी नगर में डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स के सीवेज पाइप के अंदर पांच सफाईकर्मियों की मौत के बाद एक सप्ताह में यह दूसरी घटना है. डबरी वैशाली एक्सटेंशन के सड़क नंबर 3 में यह हादसा हुआ.


डीजेबी ने बताया कि यहां पर सीवर पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा था. जिस वक्त ये हादसा हुआ तब तक डीजेबी के ठेकेदार और मजदूर वहां से काम करके जा चुके थे. आरोपी, सतबीर कला ने अनिल को अपने घर पर सीवर पाइप की सफाई के लिए बुलाया था. पीड़ित अनिल, कोई सुरक्षा गियर नहीं पहना था जबकि अन्य मजदूरों ने उसे इसके लिए बार-बार टोका भी था. सीवर सफाई के नियमों के मुताबिक पाइपलाईन डालने का काम सिर्फ 6 बजे तक ही होता है.


यह अनधिकृत काम था- डीजेबी प्रवक्ता
एक डीजेबी प्रवक्ता ने बताया कि यह अनाधिकृत काम था. यह सीवर लाइन में अनाधिकृत कनेक्शन की कोशिश थी. मामले में मुख्य आरोपी सतबीर से पूछताछ की जा रही है.


डीसीपी (द्वारका) एंटो अल्फोन्स ने कहा कि आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 304 ए (लापरवाही के कारण मौत का कारण) और मैनुअल स्वेवेंजर्स अधिनियम के रोजगार के लिए निषेध के तहत मामला दर्ज किया गया है.


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प्रत्यक्षदर्शी ने बताया आंखों देखा हाल
एक प्रत्यक्षदर्शी, रमेश, जो अनिल को सीवर को साफ करने में मदद कर रहा था, ने बताया कि वह एक और साइट पर काम कर रहा था जब सतबीर ने उनसे संपर्क किया था कि अगर वह अनिल को सीवर को साफ करने में मदद करता है तो वह उसे भी पैसा देगा. इसमें ज्यादा वक्त नहीं लगता है और मैं ब्रेक पर था, तो मैंने अनिल की मदद करके पैसा कमाने का सोचा. जब मैं वहां पहुंचा, तो मैंने देखा कि सतबीर अनिल के कमर के चारों ओर एक पुरानी रस्सी बांध रहा था. मैंने उससे अच्छी रस्सी बांधने के लिए कहा, लेकिन उसने मेरी बात सुनने से इनकार कर दिया.


पीड़ित अनिल अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था. कुछ साल पहले उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई थी.


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