सऊदी अरब में कोड़े मारने की सजा के बाद नाबालिकों के मौत की सज़ा पर भी प्रतिबंध
सऊदी अरब में नाबालिकों के लिए अब मौत की सजा को समाप्त कर दिया गया है. इसका मतलब है कि अब जो किशोर (लड़का या लड़की) किसी भी अपराध में दोषी पाया जाएगा तो उसे फांसी की सजा नहीं होगी.
रियाद: दुनिया में कई देशों में ऐसे कानून सालों से रहे हैं जिसकी निंदा की गई है. सऊदी अरब में भी कई ऐसे सख्त कानून है जो अमानवीय लगते हैं. हालांकि हाल में ही साउदी अरब से दो ऐसे कानूनों को खत्म कर दिया गया. पहला कोड़ा मारने की सजा और दूसरी नाबालिकों के लिए मौत की सजा.
सऊदी अरब में नाबालिकों के लिए अब मौत की सजा को समाप्त कर दिया गया है. इसका मतलब है कि अब अगर कोई किशोर (लड़का या लड़की) किसी भी अपराध में दोषी पाया जाता है तो उसे फांसी की सजा नहीं होगी. बता दें कि इस सजा को खत्म करने के लिए शाही डिक्री पारित किया गया है.
सऊदी मानवाधिकार आयोग (एचआरसी) के अध्यक्ष अवध अलावाद ने इस कानून के खत्म होने की घोषणा की. उन्होंने कहा, ''यह डिक्री हमें एक और आधुनिक दंड संहिता स्थापित करने में मदद करती है और साथ ही विजन 2030 के हिस्से के रूप में हमारे देश के सभी क्षेत्रों में प्रमुख सुधारों के माध्यम से राज्य की प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करती है. इसके अलावा सीधे क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान की निगरानी में यह बदलाव हो रहे हैं. कई अन्य चीजों में भी सुधार किए गए हैं, जो जल्द ही सामने आएंगे.''
बता दें कि इससे पहले साउदी में 'कोड़े की मार' वाली सजा को खत्म किया था. कोड़े की सजा के बदले दोषियों के लिए जेल या फिर आर्थिक सजा का प्रावधान किया गया है. इसके पहले अदालतों को यह अधिकार था कि वे कई तरह के जुर्म के दोषी पाए जाने वालों को कोड़ों की सजा सुना सकती थीं.
बता दें कि पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या और एक्टिविस्टों को लेकर सऊदी अरब के रवैये की आलोचना होती रही है. हालांकि अब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान कई सामाजिक और आर्थिक सुधार कर सऊदी अरब को आधुनिक बनाने में लगे हुए हैं.