हैदराबादः तेलंगाना सरकार ने वर्षा प्रभावित हैदराबाद में और बारिश होने के अनुमान के बीच एहतियात के तौर पर लोगों के घर-घर जाकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना सोमवार को जारी की. राज्य में पिछले एक सप्ताह में बारिश से संबंधित घटनाओं में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 70 हो गई है.


इस बीच, उत्तरी कर्नाटक में भीमा नदी के खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण बाढ़ के गंभीर हालात बने हुए हैं और कलबुर्गी, विजयपुरा, यादगीर एवं रायचुर जिलों में बड़ी संख्या में गांव अब भी जलमग्न हैं, वहीं 36,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है.


तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सोमवार को कहा कि शहर में बाढ़ प्रभावित घरों को 10 हजार रुपये की तत्काल राहत दी जाएगी. इसके अलावा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकान के लिए एक लाख रुपये की सहायता और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान के लिए 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी. सरकार ने बताया कि यह सहायता मंगलवार से वितरित की जाएगी.


तेलंगाना के मंत्री के टी रामा राव ने बताया कि अगले दो दिन में भारी बारिश के मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर निचले क्षेत्रों में रह रहे लोगों से अपील की गई है कि वे राहत शिविरों में चले जाएं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शहर में 1908 के बाद दूसरी सबसे भारी बारिश हुई जिससे राज्य सरकार को निचले क्षेत्रों में रहने वाले करीब 37,000 लोगों को राहत शिविरों में भेजना पड़ा.


मंत्री के अनुसार ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) और इसके पड़ोसी इलाकों में 33 लोगों की मौत हो गई तथा और आसपास के जिलों में 37 लोगों की मौत हुई. उन्होंने भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से भारी बारिश की चेतावनी के बाद निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से अपील की है कि वे या तो सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं या फिर सरकारी राहत शिविरों में शरण लें. मंत्री ने कहा कि अगले दो दिनों में हजारों लोगों को शिविरों में भेजा जाएगा.


मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि जीएचएमसी ने जिन 33 लोगों की जान गई, उनमें से 29 के परिजन को मुआवजा राशि दी गई है. हालांकि राज्य सरकार ने 15 अक्टूबर को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि बारिश संबंधी घटनाओं में 50 लोगों की मौत हुई है.


तेलंगाना सरकार ने कहा है कि प्राथमिक अनुमान के अनुसार बारिश और बाढ़ से 5,000 करोड़ रुपये की क्षति हुई है. इस संबंध में पूछे गए एक सवाल पर राव ने कहा कि एक अंतरिम रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी गई है और सहायता के लिए 1,380 करोड़ रुपये की मांग की गई है.


मंत्री ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार राज्य की अपील के बाद सहायता मुहैया कराएगी. उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) ने ट्वीट किया है कि वे हालात पर नजर रख रहे हैं. हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार की ओर से सकारात्मक जवाब मिलेगा. हम इंतजार करेंगे.’’ इस बीच पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश ने हैदराबाद की मदद के लिए हाथ आगे बढाए हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने तेलंगाना को 10 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की है.


राव ने इसके लिए तमिलनाडु के अपने समकक्ष का आभार जताया है. राव ने उद्योगपतियों, कारोबारियों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों से मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करने की अपील की है. आंध्र प्रदेश सरकार ने भी वर्षा प्रभावित हैदराबाद शहर में राहत और बचाव अभियानों के लिए पड़ोसी तेलंगाना में तेज गति वाली आठ नौकाएं और जीवनरक्षक जैकेट भेजीं.


इस बीच, कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) के अधिकारियों ने कहा कि उसके चार जिलों में 97 गांव बुरी तरह प्रभावित हैं और वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.


केएसएनडीएमसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी तक 36,290 लोगों को निकाला गया है. हमने 174 राहत शिविर खोले हैं जहां 28,007 लोग रह रहे हैं.’’ सूत्रों के अनुसार सेना और आपदा मोचन बल के जवान बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालने के काम में लगे हुए हैं.


इस बीच, बेंगलुरु में रविवार रात से हो रही भारी बारिश के कारण कई जगहों पर जलभराव की स्थिति बन गयी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार शहर में हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड स्थित वेधशाला में आज सुबह 8.30 बजे तक पूरी हुई 24 घंटे की अवधि में 39.6 मिलीमीटर बारिश मापी गयी.


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