तमिलनाडु: वेदांता के कॉपर प्लांट बंद कराने की मांग कर रहे लोगों पर पुलिस ने चलाई गोली, 11 की मौत
स्टरलाइट कॉपर स्मेलटिंग प्लांट को बंद करने की मांग कर रहे लोगों का कहना है कि प्लांट की वजह से वायु प्रदूषण हो रहा है. स्थानीय लोग कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं और भूगर्भ जल का स्तर तेजी से नीचे जा रहा है.
नई दिल्ली: तमिलनाडु के तूतीकोरिन में वेदांता स्टरलाइट के प्लांट के खिलाफ प्रदर्शन लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प में 11 लोगों की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक ज्यादातर मौत पुलिस की गोली से हुई हैं. राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिवार वालों को दस लाख और घायलों को तीन लाख रुपये मुआवजे का भी एलान किया गया है. मृतक के परिवार में से किसी एक को सरकारी नौकरी देने का भी वादा किया है.
#WATCH: Clash between Police & locals during the protest held in Tuticorin demanding ban on Sterlite Industries, in wake of the pollution created by them in #TamilNadu. pic.twitter.com/s5j2dH9J8o
— ANI (@ANI) May 22, 2018
ये राज्य प्रायोजित आतंकवाद: राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने घटना के लिए राज्य सरकार की आलोचना की है, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई को राहुल गांधी ने राज्य प्रायोजित आतंकवाद करार दिया है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "तमिलनाडु में पुलिस फायरिंग में 9 लोगों की मौत. ये राज्य प्रायोजित आतंकवाद का क्रूर उदाहरण है. अन्याय के खिलाफ विरोध करने के लिए इन नागरिकों की हत्या कर दी गई. मेरी संवेदना इन शहीदों और घायल लोगों के परिवारों के साथ हैं.''
The gunning down by the police of 9 people in the #SterliteProtest in Tamil Nadu, is a brutal example of state sponsored terrorism. These citizens were murdered for protesting against injustice. My thoughts & prayers are with the families of these martyrs and the injured.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 22, 2018
क्या है पूरा मामला? तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 600 किलोमीटर दूर तूतीकोरिन में वेदांता की इकाई स्टरलाइट कॉपर का धातु गलाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा प्लांट है. साल 1996 में इस प्रोजेक्ट को लगाया गया. यह हर साल 4,38,000 टन कॉपर पैदा करता है, प्रतिदिन के हिसाब से इसकी 1200 टन कॉपर की पैदा करने की क्षमता है. इस प्लांट के आसपास दस किलोमीटर के क्षेत्र में करीब 4.6 लाख लोग, आठ कस्बे और 27 गांव हैं.
आस पास रहने वाले लोग इस प्लांट से वायु प्रदूषण और कई तरह की बीमारियों की शिकायत करते रहे हैं. इस साल जनवरी में यहां के लोगों को पता चला कि स्टरलाइट एक और प्लांट लगाकर अपना उत्पादन दोगुना करने की योजना बना रहा है. इससे इलाके के लोग डर गए और प्रदर्शन करने लगे. 12 फरवरी को प्रदर्शनकारी तूतीकोरिन पहुंचे, प्रदर्शनकारियों के मुताबिक 24 मार्च को करीब दो लाख लोग प्रदर्शन में पहुंचे. तब से लेकर अब तक कई सेलिब्रिटी और राजनेता भी इनके प्रदर्शन का समर्थन कर चुके हैं.
करीब 100 दिनों से चल रहा प्रदर्शन मंगलवार को अचानक हिंसक हो उठा. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पहले आंसूगैस के गोले छोड़े. प्रदर्शकारी नहीं रुके, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इसके बाद भी हिंसा जा रहने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चला दी.
कमल हासन और रजनीकांत ने घटना की निंदा की अभिनेता से नेता बने कमल हासन और रजनीकांत ने भी इस घटना की निंदा की है. मक्काल नीति मय्याम के प्रमुख कमल हासन ने कहा, "(स्टरलाइट कॉपर के) विस्तार की इजाजत ही नहीं दी जानी चाहिए थी. अगर संभव है तो इस इकाई को बंद करना ही अच्छा होगा. आवासीय और कृषि क्षेत्र के समीप प्लांट लगाने का कोई औचित्य नहीं है."
रजनीकांत ने कहा, "यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार जिसने इस प्लांट की अनुमति दी थी, वह क्यों कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और क्यों केवल मूकदर्शक बनी हुई है."